Eng vs Ind 2d Test: बुमराह बर्मिंघम में रेस्ट की राह, तो टीम गिल असल टेस्ट की धार पर

Jasprit Bumrah: बुमराह ने शनिवार को नेट पर करीब आधा घंटा गेंदबाजी की, लेकिन बड़े सवालों के जवाब अभी भी भविष्य के गर्भ में ही हैं

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Jasprit Bumrah:
नयी दिल्ली:

यह थोड़ा सही रहा कि हेडिंग्ले में 5 विकेट से हार के बाद टीम गिल को बुधवार से शुरू होने से पहले चंद दिन उबरने के लिए मिल गए, लेकिन खिलाड़ी कितना उबर पाएंगे, यह तो दूसरे टेस्ट में ही पता चलेगा. मगर उससे पहले सबसे बड़ा सवाल स्टार पेसर जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) को लेकर हो चला है. सभी असमंजस में हैं और बुमराह के दूसरे टेस्ट में खेलने को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. बावजूद इसके कि शनिवार को बुमराह ने करीब नेट पर आधा घंटा पसीना बहाया. टीम इंडिया को दूसरे टेस्ट में बुमराह की जरूरत है, लेकिन गंभीर पहले ही साफ कर चुके हैं कि स्टार पेसर वर्कलोड मैनेजमेंट के कारण सिर्फ 3 ही टेस्ट खेलेंगे. ये तीन टेस्ट कौन से होंगे, यह खुद बुमराह जानते हैं, या फिर ईश्वर ! ज्यादा आसार यही हैं कि बुमराह बर्मिंघम में नहीं खेलेंगे. और इसी ने बर्मिंघम को टीम इंडिया के 'वास्तविक टेस्ट' या चुनौती में तब्दील कर दिया है. 

आखिर कौन से हैं वो 3 टेस्ट !

यही बड़ा  सवाल है, फर्स्ट इन, सेकेंड आउट, थर्ड इन...क्या बुमराह के वर्कलोड के लिए यही पॉलिसी बनाई गई है? अगर शरीर को आराम या वर्कलोड मैनेजमेंट करना है, तो आदर्श नीति तो यही है. तमाम पक्ष तो यही मानकर चल रहे हैं. और अगर प्रबंधन इसी सोच या ट्रैक पर चलता है तो बुमराह बर्मिंघम में ऐसे समय बाहर रहेंगे, जब टीम इंडिया को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत है. ऐसे में एक सवाल और भी पैदा होता है जिसकी अनदेखी नहीं ही की जा सकती?

क्या लगातार दूसरे टेस्ट का  जोखिम हो सकता है?

यह सभी पक्षों का और बड़ा सवाल बर्मिंघम में से पहले हो चला है. पांच मैचों की सीरीज की पहली मनोवैज्ञानिक लड़ाई हार चुके हैं. और  ऐसे में दूसरी बड़ी लड़ाई कितनी अहम हो चली है, यह आम फैन भी बहुत ही अच्छी तरह से समझ सकता है. अगले हफ्ते विशेष में बुमराह टीम इंडिया की सबसे बड़ी जरूरत बन चुके हैं. हालात ही कुछ ऐसे हो चले हैं. और इसी ने सवाल पैदा कर दिया है कि क्या बुमराह को लगातार दूसरे टेस्ट में खिलाने का जोखिम लिया जा सकता है? शुक्रवार को बुमराह ने आधा घंटा नेट पर पसीना बहाकर संकेत दिए हैं. गौतम भी पहले कह चुके है कि जस्सी की शारीरिक स्थिति को देखकर फैसला लिया जाएगा. ऊपर से पहले टेस्ट के बाद उन्हें पूरे हफ्ते का समय मिलना है, जो उन्हें उबारने के लिए काफी है. बात यह है कि अगर बुमराह नहीं होंगे, तो वास्तव में कुछ नहीं होगा!

Advertisement

बुमराह गए, तो सब गया!

कम से कम हालात तो यही कह रहे हैं. हेडिंग्ले में जस्सी ने पहली पारी में 83 रन देकर जो 5 विकेट लिए, वह एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि स्टेटमेंट था. इसने बुमराह के कद को और ऊंचा किया था. और अगर भारत शुरुआती दिन करीब चार दिन मैच में बना रहा या प्रासंगिक रहा, या 6 रन ही मामूली बढ़त टीम गिल ले सकी, या फिर बल्लेबाज अगली पारी में बड़े दिल से खेल सके, तो उसेक पीछे बुमराह इंपैक्ट था ही था! आप सोचिए कि अगर जस्सी गए, तो फिर तस्वीर कैसी रहेगी.

Advertisement

जस्सी एक तरफ...बाकी पेसर एक तरफ!

जब बात कौशल, डंक, अनुभव, क्षमता की आती है, तो यह कहना एकदम सही ही होगा. आज की तारीख में बुमराह का जो स्तर हो चला है, टीम इंडिया के दूसरे बॉलर इस मामले में उनके आधे स्तर के भी नहीं दिखाई पड़ते. फिर अनुभव को छोड़ ही ही देते हैं क्योंकि सिराज खासा अनुभव होने के बावजूद कौशल में जस्सी के आधे भी नहीं हैं, तो शार्दुल ठाकुर, हर्षित राणा, आकाश दीप और अर्शदीप  को दोनों ही मामले में बहुत कुछ हासिल करना बाकी है. ऐसे में अगर बुमराह बर्मिंघम में नहीं होंगे, तो यह चुनौती पहले टेस्ट के मुकाबले कहीं ज्यादा बढ़ते हुए एक नए ही स्तर पर पहुंच जाएगी. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Jagannath Puri Rath Yatra Stampede: पुरी में रथयात्रा के बाद भयानक भगदड़, कलेक्टर-SP पर गिरी गाज