भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सेलेक्टर दिलीप वेंगसरकर ने टीम मैनेजमेंट पर युवा खिलाड़ियों खासकर सरफराज खान के सही इस्तेमाल ना करने को लेकर सवाल उठाए हैं. वेंगसरकर ने कहा है कि प्रबंधन ने सरफराज को सही समय पर मौका नहीं दिया, लेकिन बल्लेबाज अभी भी टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन कर सकता है. भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के दूसरे मुकाबले से पहले केएल राहुल के चोटिल होने के बाद सरफराज खान को भारतीय टीम में शामिल किया गया था, लेकिन उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया था. मैच से पहले सरफराज खान के खेलने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन मध्यप्रदेश के बल्लेबाज रजत पाटीदार को टीम मैनेजमेंट ने डेब्यू कैप सौंपी और सरफराज एक बार फिर सीन से बाहर हो गए. वेंगसरकर ने सरफराज को बाहर करने को लेकर कहा कि अगर किसी खिलाड़ी को सही समय पर मौका नहीं मिलता है तो वह एक समय के बाद अपना आत्मविश्वास और प्रदर्शन करने की भूख खो सकता है.
दिलीप वेंगसरकर ने रेवस्पोर्ट्ज़ से बात करते हुए सरफराज को लेकर कहा कि उन्हें सही समय पर मौका नहीं मिला है. वेंगसरकर ने कहा,"चारों ओर बहुत से अच्छे खिलाड़ी हैं. मुझे लगता है कि [रजत] पाटीदार अच्छे हैं और मैंने उन्हें लगभग चार साल पहले खेलते हुए देखा था. हालांकि, तब उन्हें मौका नहीं मिला था. सरफराज [खान] भी अच्छे हैं, लेकिन उन्हें भी सही समय पर मौका नहीं मिला है. मुझे लगता है कि इन परिस्थितियों में समय सही होना चाहिए - इन युवाओं को तब मौके दिए जाएं जब वे शानदार फॉर्म में हों. अगर आप वह समय गंवा देते हैं, तो खिलाड़ी अपना फॉर्म, रुचि, या फिटनेस खो सकता है."
दिलीप वेंगसरकर ने सलामी बल्लेबाज यशस्वी जयसवाल की तारीफ की जो लगातार टीम इंडिया में अपना कद बढ़ा रहे हैं. वेंगसरकर ने जयसवाल के शुरुआती दिनों की एक कहानी साझा की है और बताया है कि कैसे वह उन्हें एक्सपोज़र दिलाने के लिए इंग्लैंड लेकर गए थे. वेंगसरकर ने कहा,"जब वह (जायसवाल) 14 या 15 साल के थे, तब मैं उन्हें इंग्लैंड ले गया था और जैसा कि हम सभी जानते हैं, वह बहुत ही साधारण परिवार से आते हैं. इंग्लैंड में, उसने लकगभग हर मैच में रन बनाए और हम उसमें भूख देख सकते थे. मैं जानता था कि यह बच्चा अपनी प्रतिभा से बहुत आगे जाएगा. इसके बाद वह भारत अंडर-19 के लिए खेला और विश्व कप में खूब रन बनाए, जिसके बाद आईपीएल फ्रेंचाइजी, राजस्थान रॉयल्स ने उसे चुना. मैं मैं उससे बेहद खुश हूं और अब वह दादर यूनियन का भी कप्तान है, जहां मैं 25 साल तक खेला."
बता दें, यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के दूसरे मुकाबले के दौरान दोहरा शतक जड़कर कई रिकॉर्ड धवस्त किए थे. विशाखापट्टनम में दोहरा शतक जड़कर जायसवाल भारत के लिए टेस्ट में दोहरा शतक जड़ने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने. जयसवाल ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था और अपनी डेब्यू पारी में उन्होंने 171 रन बनाए थे.
यह भी पढ़ें: "मिलने तो आज तक नहीं दिया..." मोहम्मद शमी ने बेटी ने नहीं मिल पाने को लेकर बयां किया अपना दर्द
यह भी पढ़ें: डेविड वॉर्नर ने बनाया 'स्पेशल' रिकॉर्ड, वर्ल्ड क्रिकेट भी चौंका, क्रिकेट इतिहास में ऐसा करने वाले पहले बल्लेबाज