दिल्ली कैपिटल्स ने रिकी पोंटिंग को लेकर लिया यह बड़ा फैसला, अब सवाल यह है कि...

रिकी पोंटिंग पिछले कई साल से दिल्ली कैपिटल्स के हेड कोच थे. और उनके मार्गदर्शन में टीम ने खासी प्रगति की

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नई दिल्ली:

Delhi Capitals parted its way with Ricky Ponting: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की टीम दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) से बड़ी खबर आ रही है. दिल्ली प्रबंधन ने पिछले कई साल से टीम के हेड कोच रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting) से अपनी राह अलग करने का फैसला लिया है. दिल्ली कैपिटल्स से अलग होने के फैसले को टीम ने अपने आधिकारिक अकाउंट से साझा किया है, जिसमें दिल्ली प्रबंधन ने पोंटिंग के लिए एक लंबा पोस्ट किया है. संभवत: दिल्ली ने यह फैसला टीम के पिछले कुछ सालों के प्रदर्शन और बाकी बातों के कारण लिया है. पोंटिंग के मार्गदर्शन में पिछले तीन संस्करणों में दिल्ली की टीम प्ले-ऑफ राउंड में जगह बनाने में नाकाम रही. साल 2002 ममें दिल्ली कैपिटल्स जहां पांचवें नंबर पर रहे हे, तो पिछले दो सालों में उसने क्रमश: नौवां और छठा स्थान हासिल किया था.

कैपिटल्स ने पोटिंग को सार्वजनिक रूप से लिखे पत्र में कहा, "डियर रिकी अब जबकि आपने हमारे हेड कोच पद से हट रहे हैं, तो हमें इस शब्दों में लिखते हुए वास्तव में बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो रहा है. आपने प्रत्येक हडल में आपने चार अहम बातों का जिक्र किया. ये चार शब्द केयर (परवाह), कमिटमेंट (समर्पण), एटिट्यूड (रवैया) और एफर्ड (प्रयास) थे. ये आपके साथ पिछले साथ गुजारे सात साल का सार है. आपके साथ गुजारे ये साथ साल खासे व्यावहारिक और रवैया में आपका दूर होना भी रहा, जिससे हम बेहतर हो सके. इन सात सालों में आप ट्रेनिंग सेशन में पहुंचने वाले सबसे पहले और इससे जाने वाले सबसे आखिरी शख्स रहे. इन सात सालों में आपकी ड्रेसिंग रूप स्पीच बहुत ही शानदार थीं. इन सात सालों में आपका हम सभी को गले लगाना, पीठ थपथपाना बहुत ही शानदार था. फिर चाहे यह कोई नया खिलाड़ी या सुपरस्टार. प्रत्येक बात के लिए आपका बहुत धन्यवाद कोच"

...पर खिताब नहीं जिता सके पोंटिंग

पोंटिंग की कोचिंग में दिल्ली कैपिटल्स ने पहला अच्छा समय तब देखा, जब उसने साल 2019 में आठ टीमों में तीसरी पायदान हासिल की, तो साल 2020 में टीम उपविजेता भी बनी. अगले साल फिर से प्ले-ऑफ राउंड में पहुंची, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद भी पोंटिंग दिल्ली को चैंपियन नहीं बना सके. इसकी एक बड़ी वजह यह भी रही कि शायद खिलाड़ियों की ओर से पोंटिंग को मैदान पर वैसा प्रदर्शन नहीं मिला, जो होना चाहिए था. वहीं, एक बड़े वर्ग को खिलाड़ियों की नीलामी के दौरान कैपिटल्स की टेबल  से नदारद रहना भी खासा चौंका गया. इसको लेकर भी पंडितों के बीच चर्चा होती रही कि रिकी  को दिल्ली प्रबंधन ने नीलामी की रणनीति से क्यों दूर रखा, या वह टेबल पर क्यों नहीं थे. 

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अब बड़ा सवाल यह है कि..

निश्चित तौर पर पोंटिंग का दिल्ली से इस तरह जाना दोनों पक्षों के लिए ही कोई अच्छी बात नहीं है क्योंकि दोनों को ही मनवांछित परिणाम सात सालो में नहीं ही मिल सका. बहरहाल, अब जबकि अगले साल मेगा नीलामी होने जा रही है, तो बड़ा सवाल यही है कि अब कैपिटल्स का प्रबंधन किसे हेड कोच की बड़ी जिम्मेदारी सौंपेगा क्योंकि पोंटिंग के जाने के साथ ही दिल्ली का पूरा का पूरा स्टॉफ बदल जाएगा. वहीं, यह भी देखना होगा कि टीम के डायरेक्टर सौरव गांगुली को लेकर कैपिटल्स प्रबंधन क्या फैसला लेता है. 
 

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