- ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज का पहला टेस्ट पर्थ में दूसरे दिन के तीसरे सत्र में समाप्त हो गया था
- क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को पर्थ टेस्ट जल्दी खत्म होने से भारी आर्थिक नुकसान हुआ है और करोड़ों रुपये वापस करने पड़े
- पहले दो दिनों में पर्थ टेस्ट में कुल 101,514 दर्शक आए, जो पिछले साल के रिकॉर्ड से अधिक था
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज (2025-26) का पहला टेस्ट पर्थ में खेला गया था. पर्थ टेस्ट दूसरे दिन के तीसरे सेशन में ही समाप्त हो गया था. इससे क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को नुकसान हुआ था. इसकी पुष्टि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ टॉड ग्रीनबर्ग ने की है. टॉड ग्रीनबर्ग ने 'एसईएन' से बात करते हुए कहा, 'निश्चित रूप से आप मैच का परिणाम अपने पक्ष में चाहते हैं, लेकिन पर्थ टेस्ट मैच के दो दिन में समाप्त होने से हमें नुकसान हुआ. हमारे मुनाफे में भारी कमी आई. तीसरे और चौथे दिन होने वाली कमाई नहीं हुई. इस बात का मुझे दुख और अफसोस है. हमें करोड़ों रुपये वापस करने पड़े.'
ग्रीनबर्ग ने कहा कि हालांकि इस बात से मैं खुश हूं कि पहले दो दिन रिकॉर्ड संख्या में लोग आए. पहले दिन 51,531, फिर दूसरे दिन 49,983 लोग आए. कुल 101,514 लोगों की यह रिकॉर्ड संख्या थी. पिछले साल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पर्थ में हुए टेस्ट को देखने के लिए कुल 96,463 लोग पहुंचे थे. वह टेस्ट 4 दिन चला था और भारतीय टीम विजयी रही थी. इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया पर्थ टेस्ट 1888 के बाद गेंदों के हिसाब से सबसे छोटा टेस्ट था. इस टेस्ट में सिर्फ 847 गेंदें फेंकी गईं.
इंग्लैंड ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया था और पहली पारी में 172 रन पर सिमट गई थी. ऑस्ट्रेलिया अपनी पहली पारी में 132 रन पर सिमट गई थी. इंग्लैंड ने दूसरी पारी में भी निराशाजनक बल्लेबाजी की और महज 132 रन पर सिमट गई. ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 205 रन का लक्ष्य मिला था. ट्रेविस हेड के 83 गेंद पर बनाए 123 रन की मदद से ऑस्ट्रेलिया ने 2 विकेट के नुकसान पर 205 रन बनाकर मैच 8 विकेट से जीत सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली.
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