- पुजारा ने एमएस धोनी, विराट कोहली, राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा के साथ नंबर तीन बल्लेबाज़ी की कमान संभाली.
- विराट कोहली और रवि शास्त्री ने पुजारा से आक्रामक खेल की अपेक्षा जताई, लेकिन पुजारा ने अपनी स्ट्रेंथ समझाई.
- पुजारा ने रोहित की डेमोक्रैटिक कप्तानी की सराहना की, जो खिलाड़ियों से बातचीत कर उनका सर्वश्रेष्ठ निकालते थे.
Cheteshwar Pujara on His Best Captain: टीम इंडिया के नंबर 3 बैटर चेतेश्वर पुजारा को अमूल के एक विज्ञापन ने ‘चेतेश्वॉरियर' की उपाधि दी है. टीम इंडिया के ‘द वॉल' और मिस्टर ‘भरोसेमंद' कहे जाने वाले पुजारा अपने सभी कप्तानों के लिए एक मज़बूत हथियार थे. एमएस धोनी की कप्तानी में उन्होंने राहुल द्रविड़ और विराट कोहली से होते हुए नंबर 3 की कमान संभाल ली और खूंटा गाड़कर खड़े हो गए. वो जब तक टीम इंडिया के लिए नंबर 3 पर बल्लेबाज़ी करते रहे टीम इंडिया एक सेफ़ ज़ोन में ही खेलती रही.
कैप्टन कूल का अलग अंदाज
पुजारा ने बताया कि जब वो 2010 में टीम इंडिया में शामिल होने का मौका मिला तो उनके सपने के सच होने जैसा साबित हुआ. ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 2010 में बेंगलुरु टेस्ट में उन्होंने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की. पहली पारी में वो पांचवें नंबर पर आये और 4 रन ही बना सके. बेंगलुरु टेस्ट की दूसरी पारी में उन्हें तीसरे नंबर पर बैटिंग का मौका मिला और अपने पहले टेस्ट की दूसरी पारी में 72 रन बनाते ही उनका हौसला बढ़ गया. वो कहते हैं, “कप्तान धोनी का अलग स्टाइल था. वो बहुत ही कूल और कंपोज़्ड थे. पूरी टीम को साथ लेकर चलते थे.” उनके मुताबिक धोनी खिलाड़ियों को मौका देते थे और उनका बेस्ट निकालते थे.
विराट और रवि शास्त्री की जोड़ी ने समझा पुजारा का स्ट्रेंथ
NDTV से ख़ास बातचीत में पुजारा बताते हैं कि विराट कोहली और रवि शास्त्री की जोड़ी चाहती थी कि वो और आक्रामक क्रिकेट खेलें और अपना स्ट्राइक रेट बेहतर करें. लेकिन पुजारा ने उन्हें अपने स्ट्रेंथ और अपने खेल के स्टाइल के बारे में समझाया और फिर एक तालमेल सा बन गया.
रोहित खिलाड़ियों से करते थे बातचीत, निकालते थे बेस्ट
पुजारा बताते हैं कि उन्हें अपने करियर में कई शानदार कप्तान और एक से बढ़कर एक खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिला. वो बताते हैं कि राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गजों से उन्हें बहुत सीखने का मौका मिला. ख़ासकर रोहित शर्मा की कप्तानी को लेकर वो कहते हैं कि रोहित का अंदाज़ बहुत ही डेमोक्रैटिक है. वो खिलाड़ियों से बात करते हैं और उनसे उनका उसका बेस्ट निकालने की काबिलितय रखते हैं.”
रहाणे ने ऑस्ट्रेलिया में रंग जमाया
पुजारा इस बीच अजिंक्य रहाणे की कप्तानी की जमकर तारीफ करते रहे. वो 2020-21 का भारत का वो ऑस्ट्रेलियाई दौरा याद दिलाते हैं जब ऐडिलेड में भारत ने 36 रन के मामूली स्कोर और हार के साथ शुरुआत की और फिर रहाणे की कप्तानी में टीम इंडिया ने बाज़ी पलट दी. पुजारा ने कहा, “रहाणे की
कप्तानी में भारत ने विपरीत हालात में 2-1 से सीरीज़ जीता. रहाणे उस सीरीज़ में टीम के उम्दा कप्तान रहे. उनकी तारीफ़ करनी पड़ेगी.”
कौन रहा पुजारा के लिए बेस्ट कप्तान?
ये पूछे जाने पर कि किस कप्तान की अगुआई में उन्हें सबसे ज़्यादा कंफर्ट मिला, तो वो कहते हैं, “मुझे चारों की कप्तानी में एक जैसा ही कंफर्ट लगा. क्योंकि टीम इंडिया का जो भी कप्तान बने, सबका एक ही मकसद था टीम की जीत. एक लक्ष्य होने से आपको अपना काम करने में आसानी हो जाती है. इसलिए मैं सभी कप्तानों के अंदर पूरे कंफर्ट से ही खेला.” वो ज़ोर देकर कहते हैं कि उन्होंने जिस भी कप्तान के साथ खेला सबका फोकस टीम इंडिया की जीत ही रहा और इसलिए ऐसे कप्तानों के साथ खेलना उनकी खुशकिस्मती रही.