Border-Gavaskar Trophy: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जब Virat बने थे टीम इंडिया की ढ़ाल, BGT में ऐसा रहा है रिकॉर्ड

Virat Kohli vs Australia in BGT: कई गेंदबाजों ने कोहली की धुन पर घुटने टेक दिए. कोहली ने अपने पूरे करियर में विशेष रूप से ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को दावत दी है.

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Border-Gavaskar Trophy

Virat Kohli in Border-Gavaskar Trophy: भारतीय स्टार बल्लेबाज विराट कोहली (Virat Kohli vs Aus) ने वर्षों से दुनिया भर में शीर्ष श्रेणी के गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ाकर अपना नाम बनाया है. श्रीलंका के लसिथ मलिंगा हों, दक्षिण अफ्रीका के तेज और उग्र गेंदबाज डेल स्टेन हों, इंग्लैंड के खिलाड़ी जेम्स एंडरसन हों या पैट कमिंस, जोश हेजलवुड और मिशेल स्टार्क की ऑस्ट्रेलियाई तिकड़ी, कई गेंदबाजों ने कोहली की धुन पर घुटने टेक दिए. कोहली ने अपने पूरे करियर में विशेष रूप से ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को दावत दी है. रेड-बॉल क्रिकेट में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज और विराट एक ऐसी तिकड़ी है जिसे प्रशंसक हमेशा से एक साथ देखना चाहते हैं.

20 टेस्ट और 36 पारियों में विराट ने ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ (Virat Kohli vs Aus in Test) 48.05 की औसत से 1,682 रन बनाए हैं. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 169 के सर्वश्रेष्ठ स्कोर के साथ सात शतक और पांच अर्द्धशतक बनाए हैं. कोहली के करियर के कुछ बेहतरीन लम्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी ही सरजमीं पर हुए हैं. जब सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ जैसे महान खिलाड़ी जेम्स पैटिसन, पीटर सिडल, नाथन लियोन स्टार्क और बेन हिल्फेनहास जैसे गेंदबाजों के सामने बेबस दिखे और वास्तव में अपने खेल का प्रदर्शन नहीं कर सके, वहां 23 साल के युवा ने ऑस्ट्रेलिया में तालियां बटोरी थीं. 

दिल्ली के ओल्ड बॉय ने कदम रखा और 2011-12 के उस दौरे में 300 रन पार करने वाले एकमात्र भारतीय बल्लेबाज बने, जहां भारत ने 4-0 से टेस्ट सीरीज़ गंवा दी थी. इसमें तीसरे टेस्ट में एडिलेड में उसी गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ विराट (Virat Kohli vs Aus in 2011-12 BGT) के बल्ले से एक साहसी 116 रन भी शामिल था, एडिलेड एक ऐसा अखाड़ा जो उनके रनों के भूख को भरने का मैदान रहा है. यहां कोहली ने आठ पारियों में 63.62 की औसत से 509 रन बनाए हैं, जिसमें तीन शतक और एक अर्धशतक उनके नाम है और 141 का सर्वश्रेष्ठ स्कोर है. 2014-15 की सीरीज में भी ऑस्ट्रेलियाई टीम पर कोहली का दबदबा कायम रहा. सीरीज में उन्हें भारत के लिए दो शानदार ड्रॉ अर्जित करते हुए देखा गया.

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उन्होंने तीसरे टेस्ट के बाद लंबे प्रारूप (Test Cricket) से एमएस धोनी (Ms Dhoni) के संन्यास के बाद कप्तान के रूप में सामने आए. कोहली ने चार मैचों के आठ पारियों में 86.50 के औसत से 692 रन बनाए और चार शतक और एक अर्धशतक के साथ सीरीज का अंत 169 के सर्वश्रेष्ठ स्कोर के साथ किया था. ऑस्ट्रेलिया में 2018-19 बीजीटी में विराट ने ज्यादा जलवा नहीं दिखाया लेकिन, पर्थ में एक मुश्किल सतह पर विराट ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाया, जहां पूरी टीम इंडिया स्पिनर ल्योन के सामने मजबूर दिखी थी. 'GOAT' के रूप में वह प्रशंसकों के लिए जाने जाते है.

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उन्होंने 257 गेंदों में 123 रन बनाए. हालांकि वह 146 रनों से भारत की हार को नहीं टाल सके, लेकिन उनका शतक उनके सर्वश्रेष्ठ शतकों में से एक रहा है. सीरीज  के अंतिम आँकड़े सात पारियों में विराट के लिए 282 रन थे, जिसमें 40.28 के औसत से एक शतक और एक अर्धशतक शामिल था. विराट ने 13 मैचों में 54.08 की औसत से 1352 रन बनाए हैं. 25 पारियों में कोहली ने 169 के सर्वश्रेष्ठ स्कोर के साथ छह शतक और चार अर्द्धशतक बनाए हैं, लेकिन घरेलू परिस्थितियों में, जहां बल्लेबाज अधिक हावी होते हैं और अधिक स्वतंत्रता के साथ घरेलू लाभ का उठा पाते हैं वहां ऑस्ट्रेलिया ने  कोहली के बल्ले से क्रूर आक्रमणों को वश में करने में सक्षम रहा है.

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हालांकि कुछ लोग तर्क दे सकते हैं कि कोहली ने घर में केवल दो बीजीटी सीरीज खेली हैं और आकार छोटा हो सकता है. ऑस्ट्रेलिया और भारत में उनके रनों के बीच का अंतर आश्चर्यजनक है. 2012-13 में घर पर अपने पहले बीजीटी में, कोहली ने सलामी बल्लेबाज मुरली विजय (430 रन) और मध्य क्रम के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (419 रन) के साथ बल्लेबाजी चार्ट में शीर्ष दो स्थानों पर एक साथ भूमिका निभाई. कोहली चार मैचों की छह पारियों में 56.80 की औसत से सिर्फ 284 रन ही बना सके. 107 रनों की पारी और नाबाद 67 रनों की पारी ने उस श्रृंखला में बल्ले से उनका सामान्य प्रदर्शन को अलग कर  दिया.

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2016-17 में ऑस्ट्रेलिया की भारत की अगली यात्रा में कोहली का अंदाज कोई शोर करने में नाकाम रहा. वह पांच पारियों में 9.20 की औसत से केवल 46 रन ही बना सके और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर सिर्फ 15 का रहा. कुल मिलाकर, भारत में कोहली के बीजीटी आँकड़े ग्यारह पारियों में 33.00 की औसत से सात मैचों में 330 रन हैं. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लंबे प्रारूप में घर में केवल एक शतक और अर्धशतक बनाया है.


2020 के दशक में स्टार बल्लेबाजों का टेस्ट फॉर्म भी ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए उत्साहजनक होगा और वे कोहली को वहीं परेशान करेंगे जहां उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कत होती है. 2020 के बाद से, कोहली ने 23 मैचों और 36 पारियों में केवल 917 टेस्ट रन बनाए हैं और उन्होंने केवल छह बार पचास का आंकड़ा पार किया है. स्पिन इन दिनों उनकी कमजोरी बन गई है और ऑस्ट्रेलिया टीम का लक्ष्य उनके खिलाफ लियोन, एश्टन एगर, ट्रेविस हेड आदि का पूरा उपयोग करना होगा. 2020-22 से लंबे प्रारूप में उनका औसत 30 से नीचे रहा है. लेकिन महीनों की दिक्कतों के बाद एशिया कप 2022 के बाद से सफेद गेंद के खिलाफ वापसी के बाद वह इतनी आसानी से बाहर होने वालों में से नहीं है.

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