घरेलू सेशन के आयोजन के लिए बीसीसीआई ने गठित की 7 सदस्यीय कमेटी, अजहरुद्दीन भी इसका हिस्सा

रणजी ट्रॉफी के रद्द होने के चलते हजार से ज्यादा प्रथम श्रेणी खिलाड़ियों को आर्थिक नुकसान हुआ. कई खिलाड़ी ऐसे भी थे, जिनके पास सरकारी या प्राइवेट नौकरी तक नहीं थी और इन्हें आजीविका चलाने के लिए कुछ और काम करने पर मजबूर होना पड़ा. एक प्रथम श्रेणी क्रिकेटर औसतन साल में 12-14 लाख रुपये की कमायी कर लेता है, लेकिन गुजरे सत्र में यह कमायी घटककर 3-4 लाख रुपये रह गयी.

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बीसीसीआई ने अजहरुद्दीन को बड़ी जिम्मेदारी दी है.
नई दिल्ली:

पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन, सौराष्ट्र के पूर्व कप्तान जयदेव शाह उस सात सदस्यीय समूह का हिस्सा होंगे, जो साल 2021-22 में आयोजित होने वाले घरेलू सत्र को देखेगा. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इस सात सदस्यीय समूह का गठन किया है. इस ग्रुप के अन्य सदस्य रोहत जेतली, युद्धवीर सिंह, देवाजीत सैकिया, अभिषेक डालमिया और संतोष मेनन हैं. एक वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार इस ग्रुप की बड़ी जिम्मेदारी कोविड-19 के कारण नहीं आयोजित हो सके 2020-21 घरेलू सत्र के खिलाड़ियों के लिए क्षतिपूर्ति  पैकेज को अंतिम रूप प्रदान करना है. पिछले साल कोविड-19 केसों में खासा इजाफा हुआ था, तो यूएई में हुयी आईपीएल के कारण घरेलू क्रिकेट के लिए समय नहीं मिल सका था. जैसे-तैसे सैयद मुश्ताक ट्रॉफी शुरू हुयी, तो दूसरी लहर ने बात के बचे-खुचे आसार पर पानी फेर दिया. बड़ा नुकसान यह रहा की रणजी ट्रॉफी आयोजित नहीं हो सकी, जो भारत का प्रमुख टूर्नामेंट है. वहीं, पिछले साल ही महिलाओं का टी20 टूर्नामेंट भी रद्द हो गया था, तो अलग-अलग विभिन्न आयु वर्गों के टूर्नामेंट भी आयोजित नहीं हो सके.

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बहरहाल, रणजी ट्रॉफी के रद्द होने के चलते हजार से ज्यादा प्रथम श्रेणी खिलाड़ियों को आर्थिक नुकसान हुआ. कई खिलाड़ी ऐसे भी थे, जिनके पास सरकारी या प्राइवेट नौकरी तक नहीं थी और इन्हें आजीविका चलाने के लिए कुछ और काम करने पर मजबूर होना पड़ा. एक प्रथम श्रेणी क्रिकेटर औसतन साल में 12-14 लाख रुपये की कमायी कर लेता है, लेकिन गुजरे सत्र में यह कमायी घटककर 3-4 लाख रुपये रह गयी. 

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बहरहाल, गठित सात सदस्यीय कमेटी घरेलू टूर्नामेंट आयोजित कराने के लिए पूरे देश में बायो-बबल की संभावना को भी देखेगी. इसके अलावा यह कमेटी मैच आयोजनस्थल और टीमों के ठहरने और यातायात की व्यवस्था को भी अंतिम रूप प्रदान करेगी. बॉस सौरव गांगुली घरेलू क्रिकेट के आयोजन के लिए बायो-बबल के महत्व के बारे में पहले से ही कह चुके हैं. पिछले हफ्ते ही गांगुली ने कहा था कि हमने पिछले साल मुश्ताक अली और विजय हजारे ट्रॉफी के लिए बायो-बबल तैयार किया था. इस बार भी हम कुछ ऐसा ही करेंगे. इस सीजन में भी बिना बायो-बबल के मैच आयोजित नहीं हो सकते. 

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