ऐसा लग रहा है कि कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और विराट कोहली (Virat Kohli) अपने करियर के सांध्यकाल की ओर चल पड़े है. ब्रिस्बेन में इन दोनों से ही जरुरत के समय एक बड़ी पारी की दरकार है. विराट तो दहाई का भी आंकड़ा नहीं छू सके, तो अगर रोहित चौथे दिन बड़ी पारी खेल देते हैं, तो यह हैरानी वाली बात होगी. बहरहाल, विराट एक के बाद एक नाकामी के बाद आलोचकों से घिरते जा रहे हैं.गाबा की पहली पारी में सिर्फ तीन ही रन बना सके. और अब पूर्व बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने कोहली को लेकर बड़ी बात कही है. पुजारा ने कहा कि जब भी भारत ने जल्द विकेट गंवाए, तो कोहली सस्ते में ही आउट हो गए. और इस दिग्गज बल्लेबाज की तकनीक नई गेंद खेलने के अनुकूल नहीं है.
आधिकारिक प्रसारक स्टार-स्पोर्ट्स चैनल पर बातचीत के दौरान पुजारा ने कहा, "हम विमर्श कर रहे थे कि उन्हें नई गेंद खेलने के लिए मजबूर किया गया है. जब भी विराट ने नई गेंद का सामना किया, तो वह सस्ते में आउट हो गए. जब उन्होंने पुरानी गेंद का सामना किया, तो उन्होंने पर्थ में शतक बनाया. ऐसे में यह एक बड़ा पहलू है."
टीम इंडिया के लिए कई यादगार पारियां खेलने वाले पुजारा ने कहा, "विराट की तकनीक नई गेंद के लिए नहीं बनी हैं. उनकी बैटिंग 10-15 या 20 ओवर बाद आनी चाहिए. अगर वह नई गेंद खेलते हैं, तो उस समय गेंदबाज तरोताजा रहते हैं और उनका आत्मविश्वास बढ़ा हुआ होता है. ऐसे में जब आप इस स्थिति में बैटिंग करने आते हैं, तो यह उनके लिए आसान नहीं है." इसी डिस्कशन में पुजारा ने यह भी कह कि विराट मैच में वह दोहराने में नाकाम रहे हैं, जिसका अभ्यास वह नेट पर कर रहे हैं. पूर्व बल्लेबाज ने कहा," जब एक क्षेत्र में बॉलिंग हो रही है. कंगारू चौथे या छठे स्टंप पर बॉलिंग कर रहेह हैं, तो वह इसे खेलने चले जा रहा हैं और आउट हो रहे हैं. यह अच्छी बात नहीं है. वह खुद इस बात को समझते हैं. हमने नेट सेशन में भी देखा कि वह इस तरह की गेंदों को लेफ्ट कर रहे थे, लेकिन मैच में विराट इसको दोहराने में नाकाम रहे हैं."
पुजारा ने कहा, मैच में कुछ कारणों के चलते वह गेंद छोड़ना चाहते हैं, लेकिन ऐसा करने में असक्षम हैं. उनका बल्ला गेंद का पीछा कर रहा है. ऐसे में उन्हें खुद को रोकना होगा. उन्हें अपनी मनोदशा में बदलाव करना होगा. यहां एक तकनीकी पहलू है कि आप ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद खेल रहे हैं." उन्होंने कहा, " हालांकि, आपको ठीक ऐसी ही गेंद छोड़नी है, तो इसमें कोई बड़े तकनीकी समायोजन की जरुरत नहीं है.यहां सिर्फ उन्हें मानसिकता में समायोजन करना है."