Why is Glenn Maxwell not allowed a runner: ग्लेन मैक्सवेल ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में एक ऐसा कमाल किया जिसकी कल्पना किसी ने नहीं थी. मैक्सवेल ने 128 गेंद में 201 रन की पारी खेलकर ऑस्ट्रेलियाई टीम को ऐतिहासिक जीत दिला दी, मैक्सवेल ने अपनी 201 रनों की परी में 21 चौके और 10 छक्के लगाए. बता दें कि इस अहम मैच में मैक्सवेल ने अकेले दम पर अपनी टीम को जीत दिला दी. मैक्सवेल की यह पारी बेहद ही खास थी. दरअसल, जब मैक्सवेल 150 रन के करीब थे तो उस दौरान उनके पैर में ऐंठन शुरू हो गई, कई बार टीम के फिजियों मैदान पर आकर मैक्सवेल का उपचार करते दिखे, लेकिन हर बार दर्द को सहते हुए मैक्सवेल ने अपनी पारी को बढ़ाए रखा. जब मैक्सवेल दर्द के छटपटा रहे थे तो सबके मन में एक ही सवाल था कि आखिर उन्हें रनर क्यों नहीं मिला.
क्यों नहीं मिला मैक्सवेल को रनर
दरअसल, आईसीसी की कार्यकारी समिति ने 2011 में वनडे मैचों में घायल बल्लेबाजों के लिए रनर को हटाने का फैसला किया था. यह निर्णय उन सिफ़ारिशों का एक हिस्सा था जो यह समझाते समय की गई थी कि खेल के समय में ज्यादा रुकावटें आती है और तय समय पर मैच खत्म नहीं हो पाता है. (MCC) ने तब अपने नियम में यह बताया था कि क्रिकेट के नियम नहीं बदले हैं, लेकिन यह सिर्फ इंटरनेशनल खिलाड़ियों के लिए खेल की स्थितियों में बदलाव करने के लिए ऐसा फैसला किया गया है. इसलिए घायल बल्लेबाज के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में रनर को नहीं भेजा जाएगा.
यदि बल्लेबाज को ज्यादा मुश्किल है तो उस बल्लेबाज को वापस ड्रेसिंग रूम में जाकर इसका इलाज करना होगा और फिर बाद में वह बल्लेबाज बल्लेबाजी करने आ सकता है. इसका मतलब यह है कि अब यदि कोई बैटर, चोटिल होने के कारण दौड़ नहीं पा रहा तो उसे रिटायर्ट हर्ट होना पड़ेगा.
बता दें कि इस जीत के साथ ही ऑस्ट्रेलियाई टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई है, एक समय ऑस्ट्रेलियाई टीम यह मैच हारने के कगार पर थी. लेकिन मैक्सवेल और पैट कमिंस ने ऐतिहासिक साझेदारी करके टीम को जीत दिला दी. अफगानिस्तान ने पहले खेलते हुए 291 रन का स्कोर खड़ा किया था जिसे ऑस्ट्रेलिया ने 7 विकेट खोकर हासिल कर लिया. मैक्सवेल को उनकी ऐतिहासिक पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया .