- पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान ने माना कि खेलों की दुनिया में पेशवर संबंध बहुत लचीले और जोखिम भरे होते हैं
- इरफान ने कहा कि धोनी के लिए हुक्का न लगाने की वजह से उनका करियर लंबा नहीं चल पाया था
- पठान ने बताया कि वे रॉबिन उथप्पा, सुरेश रैना और धोनी के साथ बेहद घनिष्ठ मित्र थे और साथ में खाना खाते थे
Irfan's revelation on MS Dhoni: पेशवर संबंध बहुत ही अजीब होते हैं. कब, कहां और कैसे बदल जाएं कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. खासकर खेलों की दुनिया बहुत ही ज्यादा लचीली होती है. हर मोड़ पर बहुत ही ज्यादा जोखिम होता है. और कुछ ऐसे ही जोखिम के बारे में पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान (Irfan Pathan on Dhoni) ने बयां किया है. मंगलवार को अचानक ही इरफान को सोशल मीडिया पर एक पुराना इंटरव्यू (Irfan Interview) ट्रेंड करने लगा, तो इस पर फैंस ने भी जमकर प्रतिक्रिया व्यक्त की. इस इंटरव्यू में पठान ने इशारों ही इशारों में कहा था कि उनका करियर इसलिए लंबा नहीं खिंचा क्योंकि उन्होंने धोनी के लिए हुक्का नहीं लगाया, जबकि बाकी खिलाड़ियों ने ऐसा किया. अब पठान का एक और इवेंट का वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में होस्ट ने इरफान से टीम इंडिया में उनके दोस्तों को लेकर सवाल किया था.
पठान ने कहा, 'रॉबिन उथप्पा, सुरेश रैना और महेंद्र सिंह धोनी. ये जो तीन खिलाड़ी होते थे, तो मेरे बिना खाना खाते थे, न ही मैं इनके बिना खाना खाता था. जब हम साथ में खेलते थे, तो हमारी इतनी जबर्दस्त यारी थी और मैंने कभी भी इनके बिना खाना नहीं खाया.'
फिर बात यहां तक पहुंच गई कि...
फिर बात में ऐसा भी समय आया, जब इरफान पठान का करियर असामयिक रूप से खत्म हो गया. और इसके लिए पठान ने सीधा-सीधा धोनी को जिम्मेदार ठहराया. कुछ साल पहले उन्होंने एक बड़े मीडिया हाउस से बातचीत में कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने धोनी के लिए हुक्का नहीं सजाया. इरफान भले ही करियर समय से काफी पहले खत्म होने पर अफसोस कम करते हों, लेकिन उनसे ज्यादा यह बात उनके चाहने वालों को अभी भी बहुत सालती है क्योंकि वह और कई साल भारत की सेवा कर सकते थे
हुक्का लगाने का मतलब समझें!
आप हुक्का लगाने को मुहावरे के रूप में लें. यहां हुक्का लगाने का अर्थ वास्तव में हुक्का लगाना नहीं है. यहां हुक्का लगाने का मतलब कप्तान के साथ ज्यादा समय व्यतीत करना, चमचागिरी करना, उसकी हां में हां मिलाना आदि तमाम बातें हो सकती हैं. इसमें वास्तविक हुक्का लगाना या नाइट पार्टी भी शामिल हो सकती है. बहरहाल, उस दौर में यह साफ देखा और महसूस किया जा सकता था कि कौन खिलाड़ी धोनी के नजदीक हैं. एक पूर्व क्रिकेटर को तो धोनी ने इंग्लैंड में बुला लिया था, जबकि उसकी गेंद दो टप्पे में विकेटकीपर तक पहुंच रही थी. इसकी बहुत ही तीखी आलोचना हुई थी.