NDTV आकाश दीप EXCLUSIVE: बर्मिंघम में जो कहा वो सिर्फ बहन के लिए नहीं..

Akashdeep on His Sister Cancer Disease: भारतीय तेज़ गेंदबाज़ आकाश दीप ने इंग्लैंड की धरती पर बर्मिंघम टेस्ट में 10 विकेट लेकर इतिहास रच दिया और अब अपनी बहन के साथ देश के हर चेहरे पर मुस्कान लाना चाहते हैं.

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Akashdeep on His Sister Cancer Disease
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  • आकाश दीप ने बर्मिंघम टेस्ट में 187 रन देकर दस विकेट लेकर मैचविनर की भूमिका निभाई और भावुक हो गए
  • उनकी बड़ी बहन अखंड ज्योति तीसरे स्टेज के कैंसर से लड़ रही हैं और अभी छह महीने का इलाज बाकी है
  • आकाश दीप ने अपनी सफलता अपनी बहन और सभी कैंसर मरीजों के लिए एक संदेश के रूप में समर्पित की
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Akashdeep on His Sister Cancer Disease: बर्मिंघम टेस्ट में 187 रन देकर 10 विकेट लेनेवाले सासाराम एक्सप्रेस आकाश दीप इन दिनों बेहद खुश और संतुष्ट नज़र आ रहे हैं. वो इंग्लैंड दौरे पर एक मुश्किल मिशन में मैचविनर का रोल अदा कर चुके हैं. बर्मिंघम टेस्ट में मैच के बाद इंटरव्यू देते वक्त वो भावुक हो गए और उन्होंने कहा, “मेरी बड़ी बहन (अखंड ज्योति) तीसरे स्टेज के कैंसर से जूझ रही हैं और अभी 6 महीने का इलाज बाकी है.” उन्होंने ये भी कहा, “सबसे ज़्यादा खुशी मेरी बहन को हो रही होगी. वह जिस मानसिक दौर से गुजर रही हैं, उससे राहत दिलाने के लिए ही यह मैच मैंने उन्हें समर्पित करते हुए खेला. मुझे उसके चेहरे पर खुशी लानी ही है.”

बर्मिंघम से दुनिया भर के कैंसर पीड़ितों के लिए संदेश

आकाश दीप ने अपनी बहन के बारे में बताया कि उनकी बहन की हालत पहले से कहीं बेहतर है. ये भी कहा कि उनकी कामयाबी से वो और उनका परिवार बेहद खुश है. वो कहते हैं, “मेरी बहन अभी स्टेबल है. उनका ट्रीटमेंट चल रहा है. मैंने उन्हें अपनी कामयाबी डेडिकेट की. लेकिन ये सिर्फ़ उनके लिए नहीं था. ये मंच था जहां से मैं पूरी दुनिया को मैसेज-संदेश दे रहा था. ये हरेक कैंसर पीड़ित के लिए था कि उनकी प्रॉब्लम में उनके परिवार, भाई बहन सबको उनके साथ खड़े होना चाहिए. क्योंकि इस बीमारी में फ़िज़िकल  और इमोशनल सपोर्ट की ज़रूरत होती है. उन्हें प्यार और सहारे की ज़रूरत होती है. इसलिए मेरी बहन के साथ ये दुनिया भर के कैसंर पीड़ितों के लिए संदेश था.”

परिवार के लिए घर खरीदा, कार गिफ्ट की

इंग्लैंड की कामयाबी के बाद आकाश दीप पहले से कहीं ज़्यादा खुश और मैच्योर्ड, परिपक्व नज़र आते हैं. आकाश कहते हैं, “आपको जब कोई कामयाबी मिलती हो तो आप छोटी-छोटी चीज़ें करते रहते हैं ताकि आपकी फैमिली खुश रहे. आपने घर खरीद दिया, कार खरीद दी. इसी से वो खुश हो जाते हैं. उनको लगता है कि घर का लड़का हमारे लिए कुछ कर रहा है, (हंसते हुए कहते हैं..) वरना मेरे खेलने से उनको ज़्यादा फर्क नहीं पड़ता. उनको तो खुशी चाहिए.”

‘जब तक शरीर सक्षम रहे, देश के लिए खेलता रहूं'

आकाश दीप एक पावरहाउस की तरह गेंदबाज़ी करते हैं. जब भी मौक़ा मिलता है तो टीम के लिए कुछ कर दिखाना चाहते हैं. वो कहते हैं, “मेरा ड्रीम यही है कि मैं देश के लिए जितना खेल सकता हूं, जब तक मेरा शरीर सक्षम रहता है देश की जीत में अपना रोल अदा कर सकूं. मेरे से सोसाइटी को थोड़ी भी खुशी मिल सकती है तो मैं कुछ भी करने को तैयार हूं.”
आकाश वो लम्हा भी याद करते हैं जब उनकी बड़ी बहन अखंड ज्योति ने उन्हें एयरपोर्ट पर कहा था, “मेरी चिंता मत करना, देश के लिए अच्छा करना,”  

भारतीय तेज़ गेंदबाज़ आकाश दीप ने इंग्लैंड की धरती पर बर्मिंघम टेस्ट में 10 विकेट लेकर इतिहास रच दिया और अब अपनी बहन के साथ देश के हर चेहरे पर मुस्कान लाना चाहते हैं. अगली सीरीज़ के लिए वो खुद को बेंगलुरु के NCA में खुद को तैयार कर रहे हैं. अगले मिशन पर आकाश एक और कारनामे की तैयारी में जुट गए हैं.

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