टीम इंडिया के वैसे 5 क्रिकेटर जो खेल से ज्यादा अपनी बदमाशियों के लिए हुए बदनाम

क्रिकेट में ग्लैमर अपने चरम पर है, ऐसे दौर में कोई भी क्रिकेटर बेरोजगार है तो वो अपनी बुरी आदतों की वजह से, इसमें कोई और दोषी नहीं है.

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Prithvi shaw to Unmukt chand
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  • पृथ्वी शॉ मुंबई के मुशीर खान के साथ विवादित झड़प में फंसे थे और गाली-गलौज के बाद बल्ला लेकर आगे बढ़े
  • विनोद कांबली का क्रिकेट करियर शराब की लत और अनुशासनहीनता के कारण बर्बाद हुआ था और वे टीम से बाहर हो गए
  • श्रीसंत को आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में बैन किया गया था.
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Prithvi Shaw to Unmukt Chand: पृथ्वी शॉ, भारतीय क्रिकेट में एक ऐसा नाम है जो अपने खेल से ज्यादा अब विवाद की वजह से सुर्खियां बटोर रहे हैं. मुंबई और पुणे के बीच खेले गए एक अभ्यास मैच में पृथ्वी मुंबई टीम के खिलाड़ी से भिड़ गए. शॉ पहले मुंबई की तरफ से खेला करते थे. मुशीर खान द्वारा 220 गेंदों पर 181 रन बनाने वाले शॉ का विकेट लेने के बाद खिलाड़ियों के बीच झड़प हो गई। जैसे ही बल्लेबाज मैदान से बाहर गया, पुणे के कुछ खिलाड़ियों ने उन पर गाली-गलौज की.  शॉ भी गाली-गलौज के बाद मुशीर की ओर बल्ला लेकर आगे बढ़े.

Photo Credit: X/@mufaddal_vohra

अन्य खिलाड़ियों और अंपायरों ने बीच-बचाव किया. पृथ्वी शॉ के अलावा भारतीय क्रिकेट में ऐसे और क्रिकेटर रहे हैं जो खेल ज्यादा अपनी बदमाशियों के लिए हुए बदनाम रहे. 

विनोद कांबली

इस मामले में सबसे पहला नंबर विनोद कांबली का आता है. कांबली का करियर भी खेल से ज्यादा बदमाशियों के लिए हुए बदनाम रहा, एक समय कांबली को भारतीय क्रिकेट का सुपरस्टार माना जा रहा था लेकिन खेल से बाहर की उनके कारनामें ने उनका करियर खत्म कर दिया.  शराब की लत और उसके बाद अनुशासनहीनता की वजह से कांबली का करियर बर्बाद हो गया था. कांबली के लिए माना जाता है कि यह खिलाड़ी भी क्रिकेट की चकाचौंध में खो गया और अपनी खेल से उनका प्यार कम हो गया. आखिर में उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा. 

Photo Credit: BCCI

श्रीसंत

भारत के दिग्गज तेज गेंदबाज श्रीसंत भी ऐसे क्रिकेटर के तौर पर जाने जाते हैं जो क्रिकेट के मैदान पर तो अपने खेल से चकित किया लेकिन इसके साथ-साथ क्रिकेट के मैदान के बाहर के कांड ने उनका करियर समय रहते पहले खत्म कर दिया. उनके करियर को 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में फंसने के बाद एक बड़े झटके का सामना करना पड़ा था.  उन्हें शुरुआत में आजीवन बैन कर दिया गया था, लेकिन बाद में शीर्ष अदालत के आदेश पर उनके ऊपर से बैन को  घटाकर 7 साल कर दिया गया, जो 2020 में समाप्त हो गया. लेकिन तब तक श्रीसंत अपना बेस्ट समय खो चुके थे. बैन समाप्त होने के बाद, श्रीसंत ने घरेलू क्रिकेट में वापसी की कोशिश की, लेकिन उनका परफॉर्मेंस औसत ही रहा और आखिर में इस खिलाड़ी ने 2022 में संन्यास की घोषणा कर दी. 

उन्मुक्त चंद

अंडर-19 विश्व कप विजेता बने Unmukt Chand  को विराट कोहली का उत्तराधिकारी माना जा रहा था. लेकिन एक खराब रिले बैटन की तरह, उन्होंने मशाल गिरा दी, और उनका करियर कभी भी उनके शुरुआती दिनों जैसा नहीं रहा. क्रिकेट में ग्लैमर अपने चरम पर है, इसी ग्लैमर ने उन्मुक्त चंद को भी निकल लिया. शुरुआत में मिली सफलता के  चकाचौंध में उन्मुक्त चंद फंस कर रह गए और क्रिकेट के अलावा बाकी दूसरी चीजों पर उनका पूरा ध्यान भटक गया, जिसका असर उनके घरेलू पऱफॉर्मेंस पर पड़ा. उन्मुक्त चंद का घरेलू क्रिकेट में साधारण प्रदर्शन उनको ले डूबा और यही कारण रहा कि यह प्रतिभाशाली खिलाड़ी भारत की सीनियर टीम के लिए कभी नहीं खेल सका. 

राहुल शर्मा

लेग स्पिनर राहुल शर्मा भी ऐसे क्रिकेटरों में शामिल हैं जिनका करियर जल्द खत्म हो गया.  महज 26 साल की उम्र में राहुल का इंटरनेशनल क्रिकेट करियर खत्म हुआ. उनके लंबे कद के लिए उन्हें अनिल कुंबले का अगला उत्ताधिकारी माना जाने लगा था. लेकिन मैदान से बाहर ड्रग्स-दारू-पार्टियों में फंसकर रह गए. साल 2012 में आईपीएल के दौरान मुंबई के जुहू में एक रेव पार्टी में पुलिस की रेड के दौरान राहुल शर्मा को पकड़ा गया था, जिसके बाद से उनका करियर अधर में लटक गया. इस कांड के बाद 2013 में आईपीएल में वापसी की थी लेकिन भारत के लिए फिर कभी नहीं खेल पाए. राहुल ने  4 वनडे और 2 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले थे. 

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मनोज प्रभाकर

ऐसा कहा जाता था कि मनोज प्रभाकर अगले 'कपिल देव' हैं. प्रतिभा और जोश से भरपूर ऑलराउंडर मनोज प्रभाकर का करियर एक कथित मैच फिक्सिंग कांड की छाया में डूब गया.

अजय शर्मा

घरेलू क्रिकेट में 10,000 से ज़्यादा रन बनाने वाले अजय शर्मा एक बेहतरीन बल्लेबाज रहे थे. लेकिन एलबीडब्ल्यू आउट होने वाले बल्लेबाज़ की तरह, एक कथित मैच फिक्सिंग कांड ने उनके करियर को तहस-नहस कर दिया, और उनका करियर वह मुकाम हासिल नहीं कर पाया जिसके वो हकदार थे. अजय शर्मा भारत के लिए महज एक टेस्ट खेल सके. उनका क्रिकेट करियर मैच फिक्सिंग के आरोप के चलते खत्म हुआ. उन पर आजीवन बैन लगा. हालांकि बाद में कोर्ट ने इसे हटा दिया. लेकिन तब तक अजय शर्मा का क्रिकेट करियर खत्म हो गया  था. 

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