1983 वर्ल्ड कप की छाप: भारत के जीतने की एक से ज्यादा वजहें, कपिलदेव कहते हैं, 'अगर...

कपिलदेव ने NDTV से EXCLUSIVE बात करते हुए कहा, 'यस, इंडिया कैन- हां इंडिया जीत सकता है.' लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया का इस मैच में पलड़ा भारी है और उसकी कई वजहें हैं.

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Kapil Dev
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  • कपिल देव ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के मुकाबले भारतीय महिला टीम के लिए मैच चुनौतीपूर्ण लेकिन जीत संभव है
  • स्मृति मंधाना ने इस वर्ल्ड कप में सर्वाधिक रन बनाकर टीम की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है
  • कप्तान हरमनप्रीत कौर को मैच विनर माना जाता है, जिन्होंने पहले भी महत्वपूर्ण पारियां खेली हैं
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1983 वर्ल्ड कप के विजेता कप्तान कपिलदेव ने NDTV से EXCLUSIVE बात करते हुए कहा, 'यस, इंडिया कैन- हां इंडिया जीत सकता है.' लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया का इस मैच में पलड़ा भारी है और उसकी कई वजहें हैं. वैसे देखें तो भारतीय महिला टीम के लिए ये वर्ल्ड कप 1983 के वर्ल्ड कप की तरह टर्निंग प्वाइंट भी साबित हो सकता है.

1983 की वर्ल्ड कप विजेता और मौजूदा भारतीय महिला टीम के सफर में कई समानताएं भी जरूर देखी जा सकती हैं. दोनों टीमों को टूर्नामेंट की शुरुआत में अंडरडॉग माना गया. 1983 में भारतीय पुरुष टीम के लिए फाइनल तक का सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा तो इस महिला भारतीय टीम ने भी मौजूदा वर्ल्ड कप में ज्वार-भाटा की तरह कामयाबी और नाकामी का सफर तय करते हुए आखिरी 4 टीमों में जगह बनाई है.

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ROKO का मिक्स हैं स्मृति मंधाना

वर्ल्ड नंबर 1, मुंबई की 29 साल की स्मृति मंधाना कमाल की जीनियस खिलाड़ी हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तो उनमें विराट कोहली का एग्रेशन और रोहित शर्मा का क्लास दोनों नजर आता है. इस वर्ल्ड कप के लीग मैचों तक उन्होंने टूर्नामेंट में 61 के औसत से 1 शतक और 3 अर्धशतक के साथ सबसे ज्यादा 365 रन बनाए. पिछली पांच पारियों में उनके नाम 34, *109, 88, 80 और 23 रनों की पारियां हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी पिछली पारियां इनसे भी बढ़कर हैं- 105, 58, 117, 125 और 80 रनों की. ऑस्ट्रेलियाई टीम किसी एक भारतीय खिलाड़ी पर घात लगा रही होगी तो वो स्मृति मंधाना होंगी. 7 बार की चैंपियन ऑस्ट्रेलियाई टीम जानती है कि उनके और खिताब के बीच उपकप्तान स्मृति मंधाना और कप्तान हरमनप्रीत चट्टान की तरह खड़ी हैं.

‘मैचविनर हैं कप्तान हरमनप्रीत'

NDTV से एक्सक्लूसिव बात करते हुए कहते हैं कपिलदेव कहते हैं, 'हरमनप्रीत में काबिलियत है. सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, एमएस धोनी, युवराज सिंह, विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी टीम के लिए इंपैक्ट पैदा करते रहे हैं, असर छोड़ते रहे हैं. हरमनप्रीत कौर में भी सही समय पर परफॉर्म करने की क्षमता है. लेकिन मैं उनपर दबाव नहीं बनाना चाहूंगा. मुझे लगता है वो मैचविनर हैं.'

मौजूदा वर्ल्ड कप में हरमनप्रीत कौर ने 25 के औसत से 1 अर्द्धशतक के साथ सिर्फ 151 रन जोड़े हैं. लेकिन 2017 के इंग्लैंड वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में डार्बि में खेली गई हरमनप्रीत की पारी को ऑस्ट्रेलिया शायद ही भूला हो. तब भी हरमनप्रीत कौर ने वर्ल्ड कप के सैमीफाइनल में नाबाद 171 रनों की पारी (115 गेंद, 20 चौके, 7 छक्के, SR 149) खेली थी और भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी.

लीग में दीप्ति शर्मा के सबसे ज़्यादा 15 विकेट

लीग स्टेज के 7 मैचों में ऑस्ट्रेलाया की एनाबेल सदरलैंड की तरह सबसे ज़्यादा 15 विकेट लेनेवाली आगरा की 28 साल की दीप्ति शर्मा मौजूदा टूर्नामेंट की सबसे लाजवाब और कामयाब फिरकीबाज़ साबित हुई हैं. दीप्ति 6 से कम 5.43 की इकॉनमी के साथ गेंदबाज़ी करते हुए धड़ाधड़ विकेट गिरा रही हैं. सभी विपक्षी टीम में उनका खौफ है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लीग मैच में भी उन्होंने 2 विकेट अपने नाम किये थे. दीप्ति को एक बार और अपनी धमक दिखाने की ज़रूरत होगी.

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छत्तरपुर एक्सप्रेस क्रान्ति समेत गेंदबाज़ और ऑलराउंडर्स का दम

लीग के 6 मैचों में 8 विकेट लेने वाली मीडियम फास्ट पेसर क्रान्ति गौड़ ने बहुत तेज़ी से नाम कमाया है. पिछले लीग मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वो कोई विकेट लेने में नाकाम रहीं. लेकिन 22 साल की गौड़ अपने दिन विकेटों की भरमार कर मैच में क्रान्ति करने का माद्दा रखती हैं.

कमबैक क्वीन स्नेह राणा भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले मैच में विकेट लेने से चूक गई थीं. लेकिन स्नेहराणा ने अपने नाम 7 विकेट किये हैं तो एनश्री चरणी ने 11 विकेट झटके हैं.

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टीम के टॉप ऑर्डर समेत मिडिल ऑर्डर और ऑलराउंडर्स ने 2 शतक (स्मृति और प्रतिका रावल) के अलावा 7 खिलाड़ियों ने 7 मैचों में 9 अर्र्धशतकीय पारियां खेली हैं. मतलब, अलग-अलग खिलाड़ी अपना दम तो दिखाती रही हैं. लेकिन इनमें से 2-3 बैटर अगर एक साथ ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ चल पाईं तो टीम इंडिया के लिए बात बन सकती है.

1983 की तरह टीम के पास इतिहास बनाने का मौका

2025 खेलों की दुनिया में कमाल का साल साबित हो रहा है. इसी साल बेंगलुरु ने 18 साल बाद पहली बार IPL का ख़िताब अपने नाम किया, द.अफ्रीका ने पहली बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का ख़िताब जीता, द.अफ्रीका महिला टीम ने पहली बार वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाई तो होबार्ट हरिकेन से पहली बार बिग बैश लीग का खिताब जीतकर इतिहास बना दिया.

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खेलों की दुनिया में इतिहास कायम करने के कारनामे फुटबॉल के मैदानों पर भी हुए. टॉटनहैम हॉट्सपर ने 17 साल बाद UEFA खिताब अपने नाम किया तो पेरिस सेंट जर्मां PSG ने इंटर मिलान को 5-0 से रौंदकर पहली बार चैंपियंस लीग का खिताब जीत लिया.

भारतीय महिला टीम के पास 2005 और 2017 के बाद फिर से फाइनल में पहुंचने का मौक़ा बना है. भारतीय टीम इस संयोग को हाथ से नहीं जाने देने के लिए जरूर अपना 100 फीसदी लगाएगी. भारतीय फैंस 'वीमेन-इन-ब्लू' से एक ऐसे ही ऐतिहासिक मैच की उम्मीद कर रहे हैं.

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