NDTV और उसके संस्थापकों के पक्ष में एक बड़ा फैसला

Read Time: 2 mins

सिक्योरिटीज़ एपेलेट ट्रिब्यूनल (SAT) ने दिनांक 20 जुलाई, 2022 (जो 21 जुलाई, 2022 को उपलब्ध हुआ) के आदेश में कहा है कि NDTV के संस्थापकों राधिका एवं प्रणय रॉय के ख़िलाफ़ ये आरोप "कपोलकल्पना", "सामने आए साक्ष्यों के कतई विरुद्ध" तथा "पूरी तरह गलत" हैं कि उन्होंने वर्ष 2009-10 में लिए गए एक पर्सनल लोन के ज़रिये न्यू दिल्ली टेलीविज़न लिमिटेड का नियंत्रण छोड़ दिया था.

NDTV संस्थापकों तथा विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL) नामक कंपनी के बीच पर्सनल लोन को लेकर तय की गई शर्तों को पूरी तरह वैध करार देते हुए फैसले में कहा गया, "इस लेनदेन के ज़रिये NDTV का प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं लिया गया. लोन एग्रीमेंट और कॉल ऑप्शन एग्रीमेंट्स की भाषा और मंशा को SAST नियमों के साथ पढ़े जाने पर स्पष्ट होता है कि VCPL का NDTV पर प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं है."

NDTV संस्थापकों के पक्ष में इन और अन्य मज़बूत टिप्पणियों के साथ SAT के इस फैसले से 14 जून, 2019 का SEBI का पूर्व में दिया गया फैसला पलट गया है, और SAT के फैसले में कहा गया है कि जिस आदेश ने उन्हें "सिक्योरिटी बाज़ार में पहुंच बनाने से रोका था, अथवा निदेशक पद स्वीकार करने पर पाबंदी लगाई थी", वह पूरी तरह संदर्भरहित है तथा कथित उल्लंघन जैसा नहीं है, विशेषकर जब कोई धोखाधड़ी नहीं की गई है, और न ही लोन एग्रीमेंट निवेशकों को धोखा देता है.

वर्ष 2009-10 में लोन एग्रीमेंट का खुलासा नहीं करने को लेकर SAT ने संस्थापकों पर 5 करोड़ रुपये तथा कंपनी पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, लेकिन यह भी कहा है कि "लोन एग्रीमेंट का खुलासा नहीं करना... न धोखाधड़ी है, न इसे अनुचित व्यापारिक व्यवहार पाया गया है."

Featured Video Of The Day
9 दिन की छुट्टी, NO Email! इस CEO ने कर्मचारियों की मौज कर दी | Viral Diwali Holiday | Work Culture
Topics mentioned in this article