5000 लोगों को नोटिस, 12 करोड़ का फाइन...दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए हो रहा ये सख्त एक्शन

जनवरी से अक्टूबर 2025 तक एमसीडी के बिल्डिंग विभाग ने कुल 1,222 पर्यावरण मुआवजा नोटिस जारी कर चुका है. साथ ही, 149 ऊंची इमारतों जैसे कि मॉल, कार्यालय, होटल और शैक्षणिक संस्थानों को एंटी-स्मॉग गन लगाने के निर्देश दिए गए हैं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • नियमों का उल्लंघन करने वालों से 12.1 करोड़ रुपये पर्यावरण मुआवजा वसूला
  • कूड़ा जलाने के मामलों में 5000 से अधिक लोगों को नोटिस जारी कर सख्त कार्रवाई
  • दिल्ली की सड़कों की सफाई के लिए 55000 से अधिक सफाई कर्मचारी तैनात
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

देश की राजधानी में ठंड बढ़ने के साथ प्रदूषण भी लगातार बढ़ रहा है और इसी को देखते हुए सरकार ने सख़्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इसी का नतीजा है कि बीते 10 महीनों में निर्माण और बिल्डिंग गिराने के मामलों में नियमों का उल्लंघन करने वालों से ₹12.1 करोड़ का पर्यावरण मुआवजा वसूला गया है. इसके अलावा, कूड़ा जलाने के मामलों में 5,000 से अधिक लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं. सोमवार को हुई समीक्षा बैठक में दिल्ली सरकार ने बताया कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों, कूड़ा जलाने और एंटी-स्मॉग गन लगाने जैसे उपायों पर निगरानी के लिए कई टीमें बनाई गई हैं. ये टीमें लगातार ज़मीनी स्तर पर काम कर रही हैं.

सड़कों की सफाई के लिए 57,000 कर्मचारी तैनात

उधर, एमसीडी की तरफ से भी दावा किया गया है कि देश की राजधानी दिल्ली की 6,130 किलोमीटर सड़कों की सफाई के लिए 57,000 सफाई कर्मचारी तैनात किए गए हैं. 52 मेकैनिकल रोड स्वीपर रोज़ाना एक दिन छोड़कर लगभग 3,400 किलोमीटर सड़कों की सफाई करते हैं. एमसीडी 18 और यांत्रिक स्वीपर जोड़ने की योजना पर भी काम कर रहा है. धूल कम करने के लिए 167 वॉटर स्प्रिंकलर और 28 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा, लैंडफिल स्थलों और संयंत्रों पर 20 स्थायी एंटी-स्मॉग गन और 15 ऊंची इमारतों पर अतिरिक्त एंटी-स्मॉग गन लगाए गए हैं.

ये भी पढ़ें : दिल्ली में वायु प्रदूषण बना सबसे बड़ा किलर, 2023 में 15% मौतों की वजह बना, होश उड़ा देगी ये स्टडी

नियम तोड़ने पर एक्शन, एंटी-स्मॉग गन लगाने के निर्देश

निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्यों से होने वाले प्रदूषण को रोकने की खातिर एमसीडी नियमित रूप से सभी पंजीकृत स्थलों की निगरानी कर रहा है. इस समय 760 साइटें डीपीसीसी वेब पोर्टल पर पंजीकृत हैं और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एक्शन ले रहा है. जनवरी से अक्टूबर 2025 तक एमसीडी के बिल्डिंग विभाग ने कुल 1,222 पर्यावरण मुआवजा नोटिस जारी कर चुका है. साथ ही, 149 ऊंची इमारतों जैसे कि मॉल, कार्यालय, होटल और शैक्षणिक संस्थानों को एंटी-स्मॉग गन लगाने के निर्देश दिए गए हैं. 1 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच एमसीडी ने स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट उल्लंघनों से जुड़े 5,322 चालान जारी किए, जिससे ₹15,50,220 का जुर्माना वसूला गया.

सबसे ज्यादा चालान नजफगढ़ जोन (934) में, फिर केशवपुरम ज़ोन (883) और सिटी एस.पी. ज़ोन (604) में जारी किए गए. दिल्ली नगर निगम के महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा कि यह अभियान स्वच्छता बनाए रखने और कूड़ा फैलाने, खुले में फेंकने तथा अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए चलाया जा रहा है.

मॉनिटरिंग सेंटर पर उठे सवाल

दिल्ली में वायु गुणवत्ता को मापने के लिए 39 मॉनिटरिंग सेंटर बनाए गए हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिए. दीपावली के समय पता चला कि इनमें से 30 सेंटर ठीक से काम नहीं कर रहे थे. जबकि NDTV की टीम ने जब पृथ्वी भवन के AQI मॉनिटरिंग डिस्प्ले को देखा तो वह कई दिनों से बंद पड़ा था. इसके अलावा स्थानीय लोगों के अनुसार विवेक विहार का डिस्प्ले भी काम नहीं कर रहा था. इस तरह की हालातों की वजह से दिल्ली की हवा की गुणवत्ता की मॉनिटरिंग की लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं.

Advertisement

ये भी पढ़ें : दिल्ली अक्टूबर में देश का छठा सबसे प्रदूषित शहर, जानें पहले नंबर पर कौन सा शहर

AQI में मामूली सुधार

सोमवार के मुकाबले मंगलवार यानि आज के दिन दिल्ली के AQI में थोड़ा सुधार देखा गया. बीते दो दिनों में औसतन AQI 309 था, जो मंगलवार को घटकर 291 रिकॉर्ड किया गया. पंजाब और हरियाणा में इस साल पराली जलाने के मामले पिछले साल के मुकाबले कम दर्ज किए गए हैं. 15 सितंबर से 3 नवंबर तक पंजाब में 2,518 मामले सामने आए, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 4,132 मामले थे. सिर्फ हरियाणा में इस साल 145 मामले दर्ज हुए, जबकि पिछले साल यह संख्या 857 थी.

Featured Video Of The Day
Bihar First Phase Voting के दौरान कई जगह बवाल, RJD विधायक के खिलाफ केस | Vijay Sinha | Elections
Topics mentioned in this article