इंदौर: बेसहारा बुजुर्गों को शहर के बाहर ले जाकर छोड़ने के मामले में छह मस्टर कर्मी दोषी करार

इंदौर नगर निगम की जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए छह मस्टर कर्मियों की सेवाएं समाप्त होंगी, उपायुक्त सोलंकी के खिलाफ जांच होगी

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इंदौर में नगर निगम के ट्रक में बेसहारा बुजुर्गों को शहर के बाहर छोड़ा गया था (फाइल फोटो).
इंदौर:

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर  (Indore) में वृद्ध भिक्षुओं को शहर से बाहर छोड़े जाने के मामले में नगर निगम ने अपनी जांच पूरी कर ली है. निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि मंगलवार को उन्हें अपर आयुक्त एस कृष्ण चैतन्य द्वारा जांच रिपोर्ट सौंप दी गई है. प्रतिभा पाल ने बताया कि जांच में नगर निगम के 6 और मस्टर कर्मी दोषी पाए गए हैं. उनकी लापरवाही और बुजुर्गों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करने के कारण नगर निगम की छवि धूमिल हुई है. इन सभी 6 मस्टर कर्मियों की सेवाएं समाप्त की जाएंगी. 

उन्होंने बताया कि जांच में उपायुक्त सोलंकी को भी दोषी पाया गया है. उन्होंने बताया कि सोलंकी की लापरवाही के कारण बिना किसी सक्षम स्वीकृति के वृद्ध भिक्षुओं को रैन बसेरा पहुंचाने के बजाए शहर से बाहर ले जाया गया. पाल ने बताया कि सोलंकी के खिलाफ विभागीय जांच (डीई) की जाएगी.

गौरतलब है कि पिछले माह मध्यप्रदेश के सबसे बड़े और सबसे अधिक आबादी वाले इंदौर में बेसहारा बुजुर्गों को शहर के बाहर छोड़ दिया गया था. इस घटना का एक वीडियो  वायरल हो गया था. इंदौर नगर निगम की गाड़ी ने शहर के बाहरी इलाके में वृद्ध बेसहारा लोगों को छोड़ दिया था. 

इस चौंकाने वाले प्रकरण का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कार्रवाई के आदेश दिए थे. कांग्रेस (Congress) ने इस मामले में दोषियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. हालांकि लोगों के आपत्ति जताने पर बुजुर्गों को शहर के रैन बसेरा में वापस ले आया गया था. 

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