दिल्ली में कथित शराब नीति घोटाले पर एक अदालत के आदेश पर आम आदमी पार्टी ने कथित "बड़े रहस्योद्घाटन" के तुरंत बाद यह दावा किया कि कोई घोटाला नहीं हुआ था.इस पर भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया के बारे में एक जज के कथन को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी 'आप' पर तंज किया. अदालत ने सिसोदिया को मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया है.
दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना ने ट्वीट किया, 'अगर आपको कोर्ट के रेफरेंस पढ़ने का इतना ही शौक है और खुद को ईमानदारी का सर्टिफिकेट देने की आदत है, तो पढ़िए कि कोर्ट ने मनीष सिसोदिया के बारे में क्या कहा, और जनता को बताएं.' खुराना ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री के बारे में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट का अवलोकन भी पढ़ते हुए वीडियो साझा किया है. सिसोदिया की जमानत रद्द की जा चुकी है. वे दिल्ली की आबकारी नीति के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में मुख्य आरोपी हैं.
अदालत पिछले महीने कहा था कि, सिसोदिया ने आपराधिक साजिश में "सबसे महत्वपूर्ण भूमिका" निभाई थी और "उक्त (आपराधिक) साजिश के उद्देश्यों को पूरा करना सुनिश्चित करने के लिए उक्त नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में गहराई से शामिल थे." कोर्ट ने कहा था कि, ..अभियोजन पक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों और उसके समर्थन में अब तक एकत्र किए गए सबूतों के अनुसार सिसोदिया को प्रथम दृष्टया उक्त आपराधिक साजिश का सूत्रधार माना जा सकता है.
हरीश खुराना ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जुबान अदालत के आदेश के बाद बंद है.
केजरीवाल को "असली सरगना" बताते हुए खुराना ने कहा, "अगर वे दोषी ठहराए जाते हैं या बरी कि जाते हैं, तो अदालत खुद कहेगी. खुद को ईमानदारी का प्रमाण पत्र देना बंद करें."
इससे पहले आज आम आदमी पार्टी ने आबकारी नीति मामले में अदालत द्वारा दो आरोपियों को जमानत दिए जाने के बाद रविवार पार्टी पर ‘‘झूठे'' आरोप लगाने के लिए भाजपा से माफी मांगने को कहा था.‘आप' की वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री आतिशी ने प्रेस वार्ता में कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दो आरोप लगाए हैं कि शराब कारोबारियों से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई और इस पैसे का इस्तेमाल गोवा चुनाव में किया गया.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया था, ‘‘अब अदालत ने भी कहा है कि रिश्वत लेन-देन या धन शोधन का कोई ठोस सबूत नहीं है. हम शुरू से ही कह रहे हैं कि पूरा आबकारी घोटाला फर्जी है और इसका मकसद केवल आम आदमी पार्टी को बदनाम करना है.''
आतिशी ने दावा किया, ‘‘कल राउज एवेन्यू अदालत ने राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा को जमानत दे दी थी. अदालत के आदेश में कहा गया है कि ईडी द्वारा रिश्वत के लिए नकदी का लेन-देन दिखाने वाला कोई सबूत पेश नहीं किया गया है. आदेश में कहा गया है कि ईडी ने गवाहों के कुछ अस्पष्ट बयान संलग्न किए हैं.''
उन्होंने कहा कि ईडी ने दावा किया है कि जोशी ने चुनावों के लिए गोवा में 30 करोड़ रुपये पहुंचाना सुनिश्चित किया, लेकिन अदालती आदेश में कहा गया कि ‘‘इस तथ्य की पुष्टि करने के लिए कोई स्वतंत्र सबूत नहीं है.''
आतिशी ने कहा, ‘‘इस आदेश से साबित होता है कि आम आदमी पार्टी सबसे ईमानदार पार्टी है. भाजपा प्रवक्ता चिल्ला रहे थे कि घोटाला हुआ है. लेकिन, क्या अब वे माफी मांगेंगे और स्वीकार करेंगे कि कोई घोटाला नहीं हुआ था?''