दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने शनिवार को आरोप लगाया कि हरियाणा मुनक नहर के माध्यम से दिल्ली को उसके हिस्से का 1,050 क्यूसेक पानी नहीं दे रहा है. आतिशी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि गर्मियों के दौरान जब हरियाणा 1,050 क्यूसेक पानी छोड़ता है तो दिल्ली को लगभग 995 क्यूसेक पानी मिलता है.
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, पिछले एक सप्ताह से दिल्ली को कम पानी मिल रहा है. दिल्ली को एक जून को 924 क्यूसेक, चार जून को 884 क्यूसेक, छह जून को 856 क्यूसेक और सात जून को 840 क्यूसेक पानी मिला. हर साल गर्मियों में वाष्पीकरण के कारण करीब 59 से 60 क्यूसेक पानी की हानि होती है. अगर 840 क्यूसेक पानी दिल्ली पहुंच रहा है तो इसका मतलब है कि हरियाणा मुनक नहर में पानी नहीं छोड़ रहा है.''
राष्ट्रीय राजधानी जल संकट से जूझ रही है और आतिशी ने हरियाणा को दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं छोड़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
आतिशी ने कहा कि यदि यही स्थिति बरकरार रही तो आने वाले दो दिनों में पूरी दिल्ली को पानी की कमी का सामना करना पड़ेगा.
इससे पहले दिन में, आतिशी ने बवाना में मुनक नहर की दो उप-नहरों का दौरा किया. उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली घरेलू इस्तेमाल के लिए पानी के लिए पूरी तरह यमुना पर निर्भर है. हम अपने घरों में जो पानी इस्तेमाल करते हैं, वह दिल्ली के सात शोधन संयंत्रों से आता है. इन शोधन संयंत्रों में पानी वजीराबाद बैराज और मुनक नहर की दो उप-नहरों से आता है. इन दो उप-नहरों से दिल्ली के सभी सात जल शोधन संयंत्रों में पानी जाता है.''
उन्होंने कहा कि हरियाणा और दिल्ली के बीच हुए समझौते के अनुसार हरियाणा को मुनक नहर के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी के लिए प्रतिदिन 1,050 क्यूसेक पानी छोड़ना है.
मंत्री ने दावा किया कि अभी दिल्ली के कुछ हिस्सों में समस्या है लेकिन अगर हरियाणा सही मात्रा में पानी नहीं छोड़ता है और मुनक नहर से आने वाला पानी कम हो जाता है तो स्थिति और भी गंभीर हो जाएगी और शहर के सभी हिस्सों में पानी की किल्लत हो जाएगी.
आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने आतिशी को हरियाणा सरकार और दिल्ली भाजपा के साथ खुली बहस करने या इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की चुनौती दी.