दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों और प्रवासी मजदूरों को लेकर हाईकोर्ट ने चिंता जताई है. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को अस्पतालों में बेड ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर मंगलवार तक जवाब दाखिल करने को कहा है. हाईकोर्ट ने कहा है कि दिल्ली सरकार लॉकडाउन के दौरान सभी दैनिक और प्रवासी मजदूरों को भोजन की व्यवस्था करे. हाईकोर्ट ने कहा है कि पिछली बार प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर केंद्र और दिल्ली सरकार बुरी तरह से विफल रहे थे और पिछली तालाबंदी से सबक लिया गया जाना चाहिए.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि पिछली बार सिविल सोसाइटी आगे आई थी. कोर्ट ने बिल्डिंग फंड में पड़ी 3,000 करोड़ रुपये की धनराशि का उपयोग करने और स्कूलों की रसोई से भोजन पकाने और जरूरतमंदों को वितरित करने के लिए कहा. हाईकोर्ट ने दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई सुचारू चलाने के लिए केंद्र सरकार को कहा है. हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्र देखे कि कहां ऑक्सीजन का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. वहां से दिल्ली के अस्पतालों को ऑक्सीजन दी जा सकती है. दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा ये सुनिश्चित करे कि कोरोना जांच की रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर मिले. मंगलवार को फिर हाई कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा.
दिल्ली हाईकोर्ट ने प्राइवेट लैबों से कहा है कि वे कोविड सैंपल के रिजल्ट जल्द घोषित करें. 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने की कोशिश करें. हालांकि कोर्ट ने कहा कि 48 घंटे में रिजल्ट न दे पाने की सूरत में लैब पर बैन लगाने जैसी दिल्ली सरकार की कार्रवाई से वह सहमत नहीं है. लैबों पर भी काम का बेहद दबाव है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह पर्याप्त आक्सीजन की सप्लाई की दिल्ली सरकार की मांग पर गम्भीरता से विचार करे. अन्य राज्यों में भी ऑक्सीजन की उपलब्धता को देखे.
दिल्ली सरकार के वकील का आरोप था कि INOX कंपनी ने दिल्ली को सप्लाई करना बंद कर दिया है और अब राजनीतिक वजहों से उसके बजाए दूसरे राज्यों में ऑक्सीजन सप्लाई हो रही है. कोर्ट ने INOX से कहा है कि वह ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर दिल्ली सरकार और इसके हॉस्पिटल के साथ अपने करार को पूरे करे. 140 मेट्रिक टन सप्लाई को तुंरत सुनिश्चित करे ताकि दिल्ली में ज़रूरतमंद मरीजों को ऑक्सीजन मिल सके.
कोर्ट ने केन्द्र और दिल्ली सरकार से वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट के साथ और इसके बिना, हॉस्पिटलों में उपलब्ध बेडों की जानकारी मांगी है. केन्द्र और दिल्ली सरकार दोनों को कल तक हलफनामा दायर कर दिल्ली के अस्पतालों में कोविड मरीजो के लिए आरक्षित बेड की जानकारी देनी है. कल फिर सुनवाई होगी.