नयी दिल्ली:
अब सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में क्लासेज़ बंक करने वाले टीचर्स की खैर नहीं. भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) ने सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में हाजिरी का पता लगाने और फर्जी शिक्षकों को हटाने के लिए बायोमीट्रिक प्रणाली लगाने का फैसला किया है.
एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि इस कदम का मकसद मेडिकल कालेज को चलाने के लिए चिकित्सा शिक्षा नियामक की मंजूरी मिलने के वास्ते होने वाले निरीक्षण के दौरान कॉलेज की ओर से जुटाए गए फर्जी चिकित्सकों का भंडाफोड करना है.
पारदर्शी बनेगी हाजिरी प्रक्रिया
प्रत्येक शिक्षक को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन-एनेबल्ड आई-कार्ड जारी किया जाएगा जिसके जरिए नियामक उपस्थिति, वेतन और कार्य स्थिति की वास्तविक समय में निगरानी कर सकेंगे. इससे करीब 439 मेडिकल कॉलेजों में उपस्थिति प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया जा सकेगा.
बायोमिट्रिक अटेंडेंस सिस्टम को लगाने का विचार 2009 में सामने आया था लेकिन यह लाल फीताशही के कारण अटक गया था.
न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट
एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि इस कदम का मकसद मेडिकल कालेज को चलाने के लिए चिकित्सा शिक्षा नियामक की मंजूरी मिलने के वास्ते होने वाले निरीक्षण के दौरान कॉलेज की ओर से जुटाए गए फर्जी चिकित्सकों का भंडाफोड करना है.
पारदर्शी बनेगी हाजिरी प्रक्रिया
प्रत्येक शिक्षक को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन-एनेबल्ड आई-कार्ड जारी किया जाएगा जिसके जरिए नियामक उपस्थिति, वेतन और कार्य स्थिति की वास्तविक समय में निगरानी कर सकेंगे. इससे करीब 439 मेडिकल कॉलेजों में उपस्थिति प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया जा सकेगा.
बायोमिट्रिक अटेंडेंस सिस्टम को लगाने का विचार 2009 में सामने आया था लेकिन यह लाल फीताशही के कारण अटक गया था.
न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट
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