UPSC में कामयाबी हासिल करने वाले गौहर हसन के बारे में जानें सबकुछ...

क्या पता किस्मत में कोशिश से ही हासिल करना लिखा हो? इस बार की सिविल सेवा परीक्षा में 137 रैंक हासिल करने वाले गौहर हसन पर ये पंक्तियां बेहद सटीक बैठती हैं, जिन्हें चार बार की असफलता डिगा नहीं सकी और आखिरकार पांचवी कोशिश में वे कामयाब रहे.

UPSC में कामयाबी हासिल करने वाले गौहर हसन के बारे में जानें सबकुछ...

गौहर हसन (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

क्या पता किस्मत में कोशिश से ही हासिल करना लिखा हो? इस बार की सिविल सेवा परीक्षा में 137 रैंक हासिल करने वाले गौहर हसन पर ये पंक्तियां बेहद सटीक बैठती हैं, जिन्हें चार बार की असफलता डिगा नहीं सकी और आखिरकार पांचवी कोशिश में वे कामयाब रहे. उत्तर बिहार के मोतिहारी में गौहर हसन का शुरुआती बचपन बीता, इसके बाद वे अपने बड़े अब्बू के पास पूसा चले आए जहां के कैंपस पब्लिक स्कूल में उनकी पढ़ाई होने लगी, लेकिन जैसे ही वे पांचवी क्लास में पहुंचे बड़े अब्बू रिटायर हो गए जो वहां राजेंद्र एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी में पदस्थापित थे. गौहर एख बार फिर मोतिहारी आए और यहां के इकरा पब्लिक स्कूल से 70 फीसदी नंबर हासिल कर मैट्रिक की परीक्षा पास की. मैट्रिक पास करने के बाद वे दिल्ली आ गए जहां उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया से कंप्यूटर साइंस में डिप्लोमा किया, उसके बाद साल 2008 में इन्होंने एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी CSE में काम करना शुरू किया साथ ही जामिया मिलिया इस्लामिया के इविनिंग कोर्स के जरिए अपनी बी-टेक की डिग्री भी हासिल कर ली.

सब्जेक्ट चुनाव की केमिस्ट्री, जानें- UPSC में 14वीं रैंक पाने वालीं अंकिता चौधरी से

एनडीटीवी  से अपनी बातचीत में गौहर बताते हैं कि जब वे इंजीनियरिंग के फाइनल ईयर मे थे, तब ही इन्होंने सिविल सर्विसेज देने का पक्का मन लिया और उसी समय से अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी. खास बात ये है कि गौहर उस वक्त एक अच्छी नौकरी में थे लेकिन ये बात उनके मन में बैठ चुकी थी कि अगर देश की प्रगति और समाज के विकास के लिए काम करना है तो उसके लिए सिविल सर्वेंट ही बनना होगा. गौहर को शुरू से ही पिछड़े वर्ग के लिए काम करने की इच्छा रही है.

मदरसे से पढ़ाई कर बने मौलवी, फिर UPSC पास करने के बाद बोले- 'कोई भी मदरसा, मस्जिद या फिर धर्म...'

pk200n0o

गौहर के साथ एक अनूठी बात ये भी रही कि उन्होंने कभी भी कोचिंग का सहारा नहीं लिया बल्कि इसकी जगह तैयारी के लिए वे हमदर्द स्टडी ग्रुप का हिस्सा बन गए साथ ही मॉक टेस्ट के लिए विज़न आईएएस से जुड़ गए. ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर उन्होंने ऊर्दू को चुना और अपने 286 अंको के साथ ऊर्दू में सर्वाधिक नंबर लाकर उन्होंने साबित कर दिया कि उनका चुनाव एकदम सही था. गौहर बताते हैं कि ऊर्दू में तो उन्हें कोई खास दिलचस्पी नहीं थी लेकिन वे मशहूर शायर मिर्जा गालिब के बहुत बड़े फैन रहे हैं और शायद यही शेरो शायरी का शौक उन्हें उर्दू के करीब लाया और फिर उर्दू ने उन्हें ये मुकाम हासिल कराया.

कैसे की जाए UPSC Civil प्री की तैयारी? जानिए IAS टॉपर सृष्टि और वैशाली की टिप्स

गौहर का कहना है कि तैयारी के दौरान उन्होंने खुद के ऊपर पूरा भरोसा रखा, वे बताते है कि इस परीक्षा में डॉक्यूमेंटेशन बेहद जरूरी है, आप बहुत सारी चीजें पढ़ते हैं उन्हें किसी एक जगह पर लिखने की आदत डालिए. फैक्ट्स आपको याद रहें इसके लिए उनका बार-बार रिविजन बेहद जरूरी है.  

 संघर्ष और सफलता के प्रतीक हैं प्रदीप द्विवेदी, कुछ ऐसी है UPSC में कामयाबी का परचम लहराने की कहानी

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com


सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी करने वालों के नाम गौहर का संदेश है कि आप सबसे पहले अपने इरादे को पक्का करें और अगर ऐसा हो गया तो समझिए आपने आधी जंग जीत ली. किसी ने सही ही कहा है: "अपने हौसलों को ये मत बताओ कि तुम्हारी परेशानी कितनी बड़ी है. अपनी परेशानियों को बताओ कि तुम्हारा हौसला कितना बड़ा है."