नई दिल्ली:
अगर आप नए साल पर नई नौकरी की तलाश में जुटे हैं, तो सिर्फ डिग्री होने से आपका काम नहीं चलने वाला है. दुनिया भर में अब नियोक्ता ऐसे उम्मीदवारों की तलाश में रहते हैं, जिनके पास डिग्री के साथ-साथ अन्य स्किल्स भी हों. जानिए कुछ ऐसे स्किल्स के बारे में जिनकी मदद से आप 2017 में कम समय हासिल कर सकेंगे अच्छे पैकेज वाली जॉब...
क्लाउड कंप्यूटिंग
क्लाउड कंप्यूटिंग तेजी से बदलती टेक्नॉलजी का अहम हिस्सा है. इसकी मदद से आप अपने लैपटॉप, मोबाइल या फिर टैब का डेटा क्लाउड स्पेस में सेव कर सकते हैं और जब मन चाहे उसे अपने गैजेट में वापस डाल सकते हैं. क्लाउड स्पेस में आपका डेटा एक दम सेफ रहता है और इसके लिए किसी हार्ड डिस्क या मेमोरी कार्ड की भी जरूरत नहीं पड़ती. इसके अलावा भी क्लाउड कंप्यूटिंग के अन्य कई फायदे हैं. अगर आप क्लाउड कंप्यूटिंग के बारे में सीखते हैं तो ये आपको अच्छा पैकेज दिलाने में काफी मदद कर सकता है. आने वाला टाइम क्लाउड का ही है इसी के चलते मार्केट में इसकी डिमांड बढ़ी है. ज्यादातर कंपनियां अपना काम इंटरनेट के जरिए करती हैं और क्लाउड का इस्तेमाल करने के लिए सिर्फ इंटरनेट ही चाहिए होता है.
अलविदा 2016: नयी शिक्षा नीति, 10वीं बोर्ड, रैंकिंग और नीट से जुड़ी सुर्खियां साल भर छाई रहीं
यूजर इंटरफेस डिजाइन
किसी भी कंप्यूटर, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, होम एप्लाइंसेज आदि के यूजर इंटरफेस की डिजाइन को यूआई (UI) कहा जाता है. यूजर इंटरफेस (UI) किसी भी गैजेट की लुक और उसके यूजर एकस्पीरियंस को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाता है. स्मार्टफोन्स का बाजार दिन प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहा है और यूजर इंटरफेस डिजाइन की समझ रखने वाले लोगों की मार्केट में डिमांड भी बढ़ रही है. ऐसे में ये एक ऐसा स्किल साबित हो सकता है, जिसे सीखना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.
पीआर और कम्यूनिकेशन
किसी भी कंपनी का मार्केट में नाम बनाने के लिए उसकी मार्केटिंग और पीआर (पब्लिक रिलेशंस) करना सबसे अहम है. इसी के चलते मार्केट में पीआर और कम्यूनिकेशन में पकड़ रखने वाले उम्मीदवारों की कंपनियों को हमेशा तलाश रहती है. अगर आप भी पीआर और कम्यूनिकेशन में अपने स्किल्स डेवलप करते हैं, तो इससे आपके करियर और सैलरी पैकेज दोनों को ही फायदा मिलेगा.
स्टोरेज मैनेजमेंट सिस्टम
कंपनियां अपने डेटा स्टोरेज रिसोर्सेस को बेहतर बनाने के लिए स्टोरेज मैनेजमेंट सिस्टम का इस्तेमाल करती हैं. स्टोरेज मैनेजमेंट सिस्टम उन टेक्नॉलजीस और प्रेसेस पर केंद्रित होता है, जिसकी मदद से डेटा स्टोरेज रिसोर्स की परफॉर्मेंस में सुधारी जाती है. वर्चुलाइजेशन, रेप्लीकेशन, सिक्योरिटी, ट्रेफिक एनालिसिस आदि टैकनीक्स स्टोरेज मैनेजमेंट का हिस्सा होती हैं. स्टोरेज मैनेजमेंट तेजी से डिजिटल होते इस देश की मुख्य डिमांड में से एक है.
क्लाउड कंप्यूटिंग
क्लाउड कंप्यूटिंग तेजी से बदलती टेक्नॉलजी का अहम हिस्सा है. इसकी मदद से आप अपने लैपटॉप, मोबाइल या फिर टैब का डेटा क्लाउड स्पेस में सेव कर सकते हैं और जब मन चाहे उसे अपने गैजेट में वापस डाल सकते हैं. क्लाउड स्पेस में आपका डेटा एक दम सेफ रहता है और इसके लिए किसी हार्ड डिस्क या मेमोरी कार्ड की भी जरूरत नहीं पड़ती. इसके अलावा भी क्लाउड कंप्यूटिंग के अन्य कई फायदे हैं. अगर आप क्लाउड कंप्यूटिंग के बारे में सीखते हैं तो ये आपको अच्छा पैकेज दिलाने में काफी मदद कर सकता है. आने वाला टाइम क्लाउड का ही है इसी के चलते मार्केट में इसकी डिमांड बढ़ी है. ज्यादातर कंपनियां अपना काम इंटरनेट के जरिए करती हैं और क्लाउड का इस्तेमाल करने के लिए सिर्फ इंटरनेट ही चाहिए होता है.
अलविदा 2016: नयी शिक्षा नीति, 10वीं बोर्ड, रैंकिंग और नीट से जुड़ी सुर्खियां साल भर छाई रहीं
यूजर इंटरफेस डिजाइन
किसी भी कंप्यूटर, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, होम एप्लाइंसेज आदि के यूजर इंटरफेस की डिजाइन को यूआई (UI) कहा जाता है. यूजर इंटरफेस (UI) किसी भी गैजेट की लुक और उसके यूजर एकस्पीरियंस को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाता है. स्मार्टफोन्स का बाजार दिन प्रतिदिन तेजी से बढ़ रहा है और यूजर इंटरफेस डिजाइन की समझ रखने वाले लोगों की मार्केट में डिमांड भी बढ़ रही है. ऐसे में ये एक ऐसा स्किल साबित हो सकता है, जिसे सीखना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.
पीआर और कम्यूनिकेशन
किसी भी कंपनी का मार्केट में नाम बनाने के लिए उसकी मार्केटिंग और पीआर (पब्लिक रिलेशंस) करना सबसे अहम है. इसी के चलते मार्केट में पीआर और कम्यूनिकेशन में पकड़ रखने वाले उम्मीदवारों की कंपनियों को हमेशा तलाश रहती है. अगर आप भी पीआर और कम्यूनिकेशन में अपने स्किल्स डेवलप करते हैं, तो इससे आपके करियर और सैलरी पैकेज दोनों को ही फायदा मिलेगा.
स्टोरेज मैनेजमेंट सिस्टम
कंपनियां अपने डेटा स्टोरेज रिसोर्सेस को बेहतर बनाने के लिए स्टोरेज मैनेजमेंट सिस्टम का इस्तेमाल करती हैं. स्टोरेज मैनेजमेंट सिस्टम उन टेक्नॉलजीस और प्रेसेस पर केंद्रित होता है, जिसकी मदद से डेटा स्टोरेज रिसोर्स की परफॉर्मेंस में सुधारी जाती है. वर्चुलाइजेशन, रेप्लीकेशन, सिक्योरिटी, ट्रेफिक एनालिसिस आदि टैकनीक्स स्टोरेज मैनेजमेंट का हिस्सा होती हैं. स्टोरेज मैनेजमेंट तेजी से डिजिटल होते इस देश की मुख्य डिमांड में से एक है.
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