दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (DUTA) ने मंगलवार को कहा कि अगर नगर सरकार पूरी तरह से वित्त पोषित 12 कॉलेजों के लिए पर्याप्त अनुदान जारी नहीं करती है, तो वह 21 अगस्त को विरोध प्रदर्शन करेगा. दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) और आप सरकार पूर्ण या आंशिक रूप से वित्त पोषित 28 कॉलेजों में प्रबंध निकायों के गठन को लेकर आमने सामने हैं. डूटा ने कहा कि सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित 12 कॉलेजों में से नौ में प्रबंध निकायों का गठन कर दिया गया है. लेकिन सरकार द्वारा पर्याप्त अनुदान नहीं जारी किए जाने के कारण कर्मचारियों को मई से ही वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के कार्यालय ने छह अगस्त को एक बयान जारी कर 12 कॉलेजों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.
डूटा (DUTA) ने डिजिटल ब्रीफिंग में इन आरोपों को निराधार बताया. डूटा के अध्यक्ष राजीब रे ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि इन कॉलेजों के लिए आवश्यक अनुदान जारी नहीं करने के अशिष्ट और अमानवीय कृत्य के लिए यह एक और चाल है. इसके परिणामस्वरूप इन कॉलेजों के कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन नहीं मिला है.'' उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को बिना उनकी किसी गलती के पिछले चार महीनों से वेतन नहीं मिला है.
हाईकोर्ट ने DU को 14 सितंबर से ऑफलाइन परीक्षाएं कराने का दिया निर्देश
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) को निर्देश दिया कि वह अंतिम वर्ष के स्नातक छात्रों की 14 सितंबर से भौतिक रूप से परीक्षा शुरू करे और उन दिव्यांग छात्रों के ठहरने तथा परिवहन की व्यवस्था के तौर-तरीकों पर काम करे, जो कोविड-19 लॉकडाउन के कारण दिल्ली छोड़कर चले गए हैं.
अदालत ने डीयू (DU) से कहा कि वह उन दिव्यांग छात्रों की संख्या का पता लगाए जो ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा (Online Open Book Exam) नहीं दे पाए और जो भौतिक रूप से परीक्षा में बैठेंगे. न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा, ‘‘आपको (डीयू) पता लगाना होगा कि दिव्यांग छात्र कहां हैं. उन्हें यात्रा के लिए पर्याप्त नोटिस देना होगा.''
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं