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भारत की सबसे पसंदीदा भुगतान प्रणाली UPI, नकद लेनदेन को पीछे छोड़ देगी : पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई UPI) को भारत की सबसे पसंदीदा भुगतान प्रणाली बताया और कहा कि यह जल्द ही नकद लेनदेन को पीछे छोड़ देगी. पीएम मोदी ने सिंगापुर के अपने समकक्ष ली सियन लूंग की मौजूदगी में ‘यूपीआई' और सिंगापुर की ‘पे नाऊ' प्रणाली (UPI and PayNow) के बीच संपर्क सुविधा की शुरुआत के मौके पर कहा कि भारत की भुगतान सेवा यूपीआई और सिंगापुर की ‘पे नाउ' प्रणाली के बीच संपर्क सुविधा की शुरुआत दोनों देशों के संबंधों के लिए एक नया मील का पत्थर है.
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NDTV Profit हिंदी01:43 PM IST, 21 Feb 2023NDTV Profit हिंदी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई UPI) को भारत की सबसे पसंदीदा भुगतान प्रणाली बताया और कहा कि यह जल्द ही नकद लेनदेन को पीछे छोड़ देगी. पीएम मोदी ने सिंगापुर के अपने समकक्ष ली सियन लूंग की मौजूदगी में ‘यूपीआई' और सिंगापुर की ‘पे नाऊ' प्रणाली (UPI and PayNow) के बीच संपर्क सुविधा की शुरुआत के मौके पर कहा कि भारत की भुगतान सेवा यूपीआई और सिंगापुर की ‘पे नाउ' प्रणाली के बीच संपर्क सुविधा की शुरुआत दोनों देशों के संबंधों के लिए एक नया मील का पत्थर है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 में यूपीआई के जरिए 12,6,000 अरब रुपये से अधिक के 74 अरब लेनदेन हुए हैं. उन्होंने कहा कि यूपीआई अब अन्य देशों में भी अपने कदम बढ़ा रही है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास और सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक रवि मेनन ने इस सुविधा को शुरू किया. दास ने इस सुविधा के जरिए पहला लेनदेन भी किया.

पीएम मोदी ने कहा, ‘‘कई विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत का डिजिटल वॉलेट से होने वाला लेनदेन जल्द ही नकद लेनदेन को पीछे छोड़ देगा.'' उन्होंने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच हुई इस शुरुआत ने ‘सीमा-पार वित्तीय प्रौद्योगिकी संपर्क (क्रॉस बॉर्डर फिनटेक कनेक्टिविटी)' का एक नया अध्याय शुरू किया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सुविधा से प्रवासी भारतीयों, छात्रों, पेशेवरों और उनके परिवारों को विशेष रूप से लाभ होगा. उन्होंने कहा, ‘‘आज के बाद सिंगापुर और भारत के लोग अपने मोबाइल फोन से उसी प्रकार धन का हस्तांतरण कर पाएंगे जैसे वे अपने-अपने देशों में करते हैं.''

उन्होंने कहा, ‘‘यूपीआई के जरिए इतनी अधिक संख्या में होने वाला लेनदेन यह दिखाता है कि स्वदेशी स्तर पर तैयार यह भुगतान प्रणाली बहुत सुरक्षित है.'' आरबीआई ने एक बयान में कहा कि यूपीआई-पे नाउ संपर्क सुविधा दोनों देशों की त्वरित भुगतान प्रणाली के उपयोगकर्ताओं को अपने-अपने मोबाइल ऐप के जरिए सुविधाजनक, सुरक्षित, त्वरित और किफायती सीमा पार धन हस्तांतरण करने में सक्षम बनाएगा. इसमें बताया गया कि धन को बैंक खातों या ई-वॉलेट के जरिए यूपीआई-आईडी, मोबाइल नंबर या वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) का उपयोग करके भारत से या भारत में स्थानांतरित किया जा सकता है.

बयान में कहा गया है कि शुरुआत में भारतीय स्टेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडियन बैंक और आईसीआईसीआई बैंक लेनदेन (आवक और प्रेषण) दोनों सुविधा प्रदान करेंगे, जबकि एक्सिस बैंक और डीबीएस इंडिया सिर्फ धन आवक की सुविधा प्रदान करेंगे. सिंगापुर के उपयोगकर्ताओं के लिए, यह सेवा डीबीएस-सिंगापुर और लिक्विड ग्रुप (एक गैर-बैंक वित्तीय संस्थान) के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी. आने वाले समय में इस लिंकेज में वहां के और बैंकों को शामिल किया जाएगा.

सिंगापुर स्थित ग्राहक भी बैंक के मोबाइल बैंकिंग ऐप या इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से सुविधा का लाभ उठा सकेंगे. शुरुआत में, एक भारतीय उपयोगकर्ता एक दिन में 60,000 रुपये तक (लगभग 1,000 सिंगापुरी डॉलर के बराबर) धन भेज सकता है. इसमें बताया गया कि लेनदेन करते समय प्रणाली उपयोगकर्ता की सुविधा के लिए दोनों मुद्राओं में राशि प्रदर्शित करेगी.

‘यूपीआई-पे नाउ लिंकेज' भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण (एमएएस) और दोनों देशों के भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों जैसे एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) और बैंकिंग कंप्यूटर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (बीसीएस) और इसमें शामिल बैंकों/ गैर-बैंक वित्तीय संस्थानों के बीच व्यापक सहयोग से संभव हो सका है.

बयान में कहा गया कि यह अंतर-संपर्क तेज, सस्ते तथा अधिक पारदर्शी सीमा-पार भुगतान के लिए जी-20 की वित्तीय समावेशन प्राथमिकताओं के अनुरूप है. इसके अलावा, यह संपर्क सुविधा भारत और सिंगापुर के बीच सीमा पार भुगतान के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी.

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