भारत अगले महीने बदली शर्तों के साथ तेल एवं गैस ब्लॉकों की 10वें दौर की अपनी सबसे बड़ी नीलामी पेश कर सकता है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने लाभ में भागीदारी वाली मौजूदा व्यवस्था की कड़ी आलोचना की है।
जनवरी के मध्य में 10वें दौर की नई उत्खनन एवं लाइसेंसिंग नीति (नेल्प) के तहत करीब 86 तेल एवं गैस ब्लॉकों की पेशकश की जा सकती है। पेट्रोलियम सचिव विवेक राय ने कहा कि नेल्प-10 नई शर्तों के साथ आयोजित किया जाएगा, जिसमें बोली लगाने वाली कंपनी को यह प्रस्ताव करना होगा कि वह कारोबार शुरू करने के पहले दिन से सरकार को उत्पादन में कितना हिस्सा देना चाहेगी। ये शर्तें वहीं हैं जो प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन सी रंगराजन ने भविष्य के उत्पादन भागीदारी अनुबंधों (पीएससी) के लिए सुझायी हैं।
राय ने कहा कि जो कंपनी तेल एवं गैस उत्पादन में सबसे अधिक हिस्सेदारी की पेशकश करेगी उसे ही वह ब्लाक दिया जाएगा। अभी तक पेट्रोलियम कंपनियों को पहले अपनी उत्खनन व उत्पादन की पूरी लागत निकालने की अनुमति होती है और उसके बाद ही वे सरकार के साथ मुनाफे के तेल में सरकार को भागीदारी करती हैं।