दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दूरसंचार कंपनी आइडिया सेलुलर व इसके अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला को अदालत की अवमानना का नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह के भीतर इसका जवाब मांगा और मामले की सुनवाई पांच अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।
न्यायालय ने कंपनी को यह नोटिस अपने पूर्व के आदेश की अवहेलना के मामले में जारी किया है। आरोप है कि कंपनी ने उन क्षेत्रों में भी नए उपभोक्ताओं को 3जी सेवा मुहैया कराई, जहां उसे लाइसेंस नहीं था, जबकि न्यायालय ने ऐसा नहीं करने का निर्देश दिया था।
आइडिया सेलुलर के खिलाफ यह याचिका केंद्रीय दूरसंचार विभाग ने दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने आइडिया के प्रबंध निदेशक हिमांशु कपानिया, कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी अक्षय मूंदरा तथा कंपनी के टेलीकॉम सेवा प्रदाता विभाग के सचिवों पी. लक्ष्मीनारायण और पंकज कापदेव को भी नोटिस जारी किया।
दूरसंचार विभाग ने अपनी याचिका में कहा था कि कंपनी ने जानबूझकर न्यायालय के 12 अप्रैल के आदेश की अवहेलना की, जो उसे उन क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को 3जी सेवा मुहैया कराने से रोकता है, जहां उसे लाइसेंस प्राप्त नहीं हैं। इसलिए कंपनी के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू की जानी चाहिए।
दूरसंचार विभाग ने कहा कि न्यायालय के आदेश का अनुपालन करने के बजाय आइडिया सेलुलर ने यह कहते हुए एक अतिरिक्त हलफनामा दायर किया कि इसने उन उपभोक्ताओं को 3जी सेवा मुहैया कराने का निर्णय लिया, जो मानदंडों पर खरे उतरते हैं। लेकिन दूरसंचार विभाग का कहना है कि न्यायालय की ओर से ऐसा कोई मानदंड मुहैया नहीं कराया गया है।