भविष्य निधि पर कर लगाने के खिलाफ जारी आनलाइन अभियान पर हस्ताक्षर करने वालों की संख्या एक लाख से अधिक पहुंच गई है। बजट में इसकी घोषणा के 48 घंटे में यह संख्या पहुंच गई है। इसमें कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) ब्याज वापस लेने का अनुरोध किया गया है।
यह अभियान गुड़गांव के वित्तीय पेशेवर वैभव अग्रवाल ने शुरू किया और इस अभियान को अब तक एक लाख से अधिक लोगों का समर्थन मिल चुका है। हर घंटे इस पर हजारों लोग हस्ताक्षर कर रहे हैं।
इस बीच, ईपीएफ निकासी पर ब्याज को लेकर आलोचना झेल रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि संसद में जब वह बजट पर चर्चा का जवाब देंगे, उस समय अंतिम निर्णय के बारे में जानकारी देंगे।
वित्त वर्ष 2016-17 के बजट में एक अप्रैल के बाद होने वाले योगदान पर कर्मचारी भविष्य निधि से निकासी के 60 प्रतिशत हिस्से पर कर लगाने का प्रस्ताव किया गया। सरकार ने कल संकेत दिया कि इसमें आंशिक रूप से कमी की जा सकती है।
अग्रवाल ने कहा, 'माई चेंज डाट ओआरजी याचिका जंगल में लगी आग की तरह फैल रही है, क्योंकि इसके बोझ को हर वेतनभोगी समझ रहे हैं जो आयकर और अप्रत्यक्ष कर जैसे विभिन्न करों का बोझ है। सरकार का ईपीएफ पर कर लगाने का फैसला खतरनाक कदम है।'