केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने साफ तौर से कह दिया है कि ऑटोमोबाइल कंपनियों को भारत में बिना ड्राइवर वाली कार उतारने की इजाजत नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि बिना ड्राइवर वाली कार आने से भारत में बड़े स्तर पर बेरोजगारी आ जाएगी. सड़क परिवहन मंत्री ने कहा, 'सरकार लोगों को ड्राइविंग की सही ट्रेनिंग देने पर ध्यान दे रही है. इस क्षेत्र में 50 लाख लोगों को रोजगार दिया जा सकता है.' उन्होंने कहा कि भारत में ट्रांसपोर्ट सेक्टर की कैब और ट्रक सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनियां लाखों लोगों को रोजगार दे रही हैं. बिना ड्राइवर की वाली कार आने से भारत में ट्रांसपोर्ट सेक्टर से जुड़े करीब 22 लाख लोग बेरोजगार हो जाएंगे.
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'भविष्य के बारे में कुछ नहीं कह सकता': केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि फिलहाल भारत में बिना ड्राइवर वाली कार उतारने के हालात नहीं हैं, लेकिन भविष्य के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि हो सकता है कुछ साल बाद बिना ड्राइवर वाली कार की तकनीक को अपनाना जरूरत बन जाए, उस हालात में क्या फैसले लिए जाएंगे इसके बारे में अभी कुछ कहना और सोचना ठीक नहीं है.
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सरकार लांच करेगी टैक्सी प्रोवाइडर ऐप: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत सरकार ओला-ऊबर की तर्ज पर एक ऐप लांच करेगी. इसके जरिए देशभर से कैब चालकों को जोड़ा जाएगा, ताकि लाखों लोगों को रोजगार दिया जा सके.
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लंदन की तर्ज पर ट्रांसपोर्ट सेवा करने की तैयारी: नितिन गडकरी ने कहा, 'हम भारत में लंदन की तर्ज पर सरकारी ट्रांसपोर्ट सेवा को बनाना चाहते हैं. इसमें सभी सरकारी बसों को लक्जरी बनाया जाएगा और लोग वर्तमान किराए की तुलना में 40 फीसदी कम पैसे खर्च यात्रा कर पाएंगे. इसके लिए विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से बातचीत की जा रही है.'
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उन्होंने कहा कि डबल डेकर और अन्य लक्जरी बसों में फ्लाइट जैसी सुविधाएं होंगी. साथ ही ये भी कहा कि यातायात व्यवस्था सुगम बनाने के लिए ई-रिक्शा के डिजायन में सुधार लाने पर काम किया जा रहा है.
इनपुट: PTI