भारतीय कंपनियां अपने शीर्ष प्रबंधन को मोटी तनख्वाह और पैकेज देती हैं, यह आम धारणा प्रबल होने के बीच सरकार चाहती है कि कंपनियां अपने प्रवर्तकों और सीईओ को दिए जाने वाले पारिश्रमिक की सूचना सार्वजनिक करें।
कंपनी मामलों के मंत्री सचिन पायलट ने कहा, आम लोगों के बीच यह बहस जोर पकड़ चुकी है कि कंपनियां अपने शीर्ष प्रबंधन कर्मियों को मोटी तनख्वाह और सुविधाएं देती हैं। उन्होंने कहा, यह उनकी गाढ़ी मेहनत की कमाई हो सकती है, लेकिन अमीर और गरीब के बीच खाई तेजी से बढ़ रही है यह धारणा प्रबल हो रही है, इसलिए इस संबंध में कदम उठाए जाने की जरूरत है।
पायलट ने कहा कि कई मामलों में लोग सोचते हैं कि आम कर्मचारियों को पर्याप्त पैसा नहीं मिल रहा है। कंपनियों को अपने प्रवर्तकों, प्रमुख और मध्यम स्तर के कर्मचारियों को दी जाने वाली तनख्वाह की रिपोर्ट साल के अंत में जारी करनी चाहिए।
नियमों के तहत कंपनी के शुद्ध लाभ का पांच प्रतिशत से ज्यादा किसी एक निदेशक को बतौर पारिश्रमिक नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा, यद्यपि हमने यह सीमा बरकरार रखी है... खुलासा करने के नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं।