निजी क्षेत्र की शीर्ष सूचीबद्ध कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के वेतन में जोरदार इजाफा देखने को मिला है और यह औसतन 20 करोड़ रुपये सालाना पर पहुंच गया है. दो साल पहले यह 10 करोड़ रुपये के करीब था.
हालांकि, यह अमेरिका में शीर्ष सूचीबद्ध कंपनियों के मुख्य कार्यकारियों के औसत वेतन से काफी कम है. वर्ष 2015 में अमेरिकी कंपनियों के सीईओ का औसत वेतन दो करोड़ डॉलर यानी करीब 130 करोड़ रुपये था.
भारत में निजी क्षेत्र की कंपनियों के सीईओ का औसत वेतन सार्वजनिक क्षेत्र के अपने समकक्षों से काफी अधिक है. सार्वजनिक क्षेत्र में यह 25 से 30 लाख रुपये है. वित्त वर्ष 2015-16 के लिए सेंसेक्स की शीर्ष सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा किए गए खुलासे के अनुसार उन्होंने अपने शीर्ष कार्यकारियों को औसतन 19 करोड़ रुपये का वेतन दिया. इसमें वेतन, कमीशन, भत्ते, इसॉप्स आदि शामिल हैं. शीर्ष कार्यकारियों में कार्यकारी चेयरमैन, सीईओ या प्रबंध निदेशक आते हैं.
यह विश्लेषण सेंसेक्स की निजी क्षेत्र की 24 कंपनियों में से 20 द्वारा किए गए खुलासों पर आधारित है. चार कंपनियों ने अभी अपने आंकड़े नहीं दिए हैं. सेंसेक्स के छह सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में से सिर्फ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के आंकड़े उपलब्ध हैं. एसबीआई की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य को 2015-16 में वेतन के रूप में सिर्फ 31.1 लाख रुपये मिले.
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