दुनिया की सबसे बड़ी इस्पात उत्पादक कम्पनी आर्सेलरमित्तल ने बुधवार को कहा कि कैलेंडर वर्ष की तीसरी तिमाही में उसे 70.9 करोड़ डॉलर का घाटा हुआ। यह घाटा मुख्य रूप से चीन की आर्थिक सुस्ती के कारण हुआ।
पिछले साल की समान तिमाही में कम्पनी को 65.9 करोड़ डॉलर का शुद्ध लाभ हुआ था। कम्पनी द्वारा जारी बयान के मुताबिक 30 सितम्बर को समाप्त तिमाही में 19.72 अरब डॉलर की बिक्री हुई जो पिछले साल की समान तिमाही में 24.21 अरब डॉलर थी।
कम्पनी के अध्यक्ष लक्ष्मी एन. मित्तल ने कहा, "पस्त वैश्विक अर्थव्यवस्था ने इस बार चीन में आर्थिक सुस्ती के साथ 2012 की तीसरी तिमाही में अपना प्रभाव छोड़ा। इसके कारण आर्सेलर मित्तल के सामने चुनौतीपूर्ण परिस्थिति रही। चौथी तिमाही में स्थिति के जस का तस रहने का अनुमान है।"
उन्होंने कहा कि ऐसी हालत में कम्पनी कर्ज घटाने और उत्पादकता तथा क्षमता बढ़ाने जैसी बातों पर ध्यान दे रही है। कम्पनी के बयान के मुताबिक कम्पनी पर कुल कर्ज बढ़कर तीसरी तिमाही में 23.2 अरब डॉलर हो गया। इस वर्ष की दूसरी तिमाही में कम्पनी को 95.9 करोड़ डॉलर का शुद्ध लाभ हुआ था।कम्पनी का इस्पात तथा खदान कारोबार 60 देशों में फैला हुआ है।