नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने बताया कि एयर इंडिया के पायलटों की हालिया 58 दिन की हड़ताल के कारण करीब 600 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। उन्होंने राज्यसभा को लिखित उत्तर में बताया, 'पायलटों की लंबी हड़ताल के कारण एयर इंडिया को हुआ कुल राजस्व घाटा करीब 600 करोड़ रुपये का है।'
एयर इंडिया के प्रबंधन द्वारा पूववर्ती इंडियन एयरलाइन्स के पायलटों को बोइंग 787 ड्रीमलाइनर एयरक्राफ्ट के उड़ान का प्रशिक्षण देने के विरोध में भारतीय पायलट गिल्ड के प्रतिनिधित्व वाले एयर इंडिया के कुछ पायलटों ने सात मई से बीमार होने की सूचना देनी शुरू की।
मंत्री ने कहा कि हड़ताल के कारण इस राष्ट्रीय विमानन कंपनी को अपने परिचालनों का पुनर्गठन करने के साथ साथ 46 के मुकाबले 39 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन करना पड़ा था। उन्होंने सूचित किया कि एयर इंडिया के प्रबंधन ने पायलटों के यूनियन की मान्यता रद्द कर दी है और 98 पायलटों को सेवा से निकाल दिया है।
एक अलग प्रश्न के उत्तर में सिंह ने कहा कि एयर इंडिया के प्रबंधन द्वारा कोई भर्ती शुरू नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति धर्माधिकारी समिति ने अपनी सिफारिशें सौंप दी हैं और सरकार ने इस पर अमल करने के लिए एयर इंडिया प्रबंधन को इसे भेज दिया है।
सिंह ने कहा, 'एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृति योजना भी तैयार की है।'