भारत में MSME में महिलाओं की तेज़ी से बढ़ रही भागीदारी, टियर 2-3 शहरों में स्टार्टअप की संख्या में उछाल

KPMG इन इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश भर में 1,000 से अधिक इनक्यूबेटर रिसोर्स, मेंटरशिप और फंडिंग तक पहुंच की सुविधा प्रदान कर रहे हैं.

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भारत में MSME में अब 20.5 प्रतिशत हिस्सेदारी महिलाओं की है...
नई दिल्ली:

भारत में MSME में अब 20.5 प्रतिशत हिस्सेदारी महिलाओं की है. बुधवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 45 प्रतिशत स्टार्टअप अब टियर 2 और 3 शहरों से शुरू हो रहे हैं, जो क्षेत्रीय उद्यमशीलता विकास की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है. KPMG इन इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश भर में 1,000 से अधिक इनक्यूबेटर रिसोर्स, मेंटरशिप और फंडिंग तक पहुंच की सुविधा प्रदान कर रहे हैं.

महिला उद्यमिता मंच (WEP) और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना जैसी पहल महिलाओं और कम आय वाले उद्यमियों को सशक्त बना रही हैं, स्थानीय विकास और भविष्य की महिला नेतृत्व को बढ़ावा दे रही हैं.

"उद्यमिता का लोकतंत्रीकरण आर्थिक विकास की दिशा में शक्तिशाली आंदोलन..."

KPMG इन इंडिया के ऑफिस मैनेजिंग पार्टनर-बेंगलुरू सुप्रीत सचदेव ने कहा, "भारत में उद्यमिता का लोकतंत्रीकरण केवल ट्रेंड नहीं है, बल्कि सस्टेनेबल आर्थिक विकास की दिशा में एक शक्तिशाली आंदोलन है..."

सुप्रीत सचदेव ने कहा कि डायवर्स और इन्क्लूसिव उद्यमशीलता ईकोसिस्टम को बढ़ावा देकर हम एक अधिक लचीली और इनोवेटिव अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं.

"SVEP, AIM जैसे कार्यक्रम सहायक..."

स्टार्ट-अप विलेज ऑन्त्रेप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (SVEP) जैसे कार्यक्रम ग्रामीण समूहों को व्यवसाय सहायता, फंडिंग और सूचना सेवाएं प्रदान कर गैर-कृषि उद्यम स्थापित करने में सहायता करते हैं.

अटल इनोवेशन मिशन (AIM) और निजी क्षेत्र की पहल के तहत सरकार समर्थित इनक्यूबेटर भी राष्ट्रव्यापी महत्वपूर्ण समर्थन प्रदान कर उद्यमिता को लोकतांत्रिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

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"भारत का स्टार्टअप ईकोसिस्टम वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा..."

रिपोर्ट के अनुसार, "भारत का स्टार्टअप ईकोसिस्टम, जो अब वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा है, ने विभिन्न चुनौतियों के बावजूद लचीलापन प्रदर्शित करते हुए GDP वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है..."

इसके अलावा, बड़ी टेक कंपनियों के एकाधिकार जैसी चुनौतियां भी हैं, जो स्टार्टअप विकास को सीमित करती हैं और फंडिंग असमानताएं हैं, टियर 2 और 3 शहरों के उद्यमियों को फंडिंग हासिल करने में अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

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कुछ सुझाव भी दिए गए हैं KPMG इन इंडिया की रिपोर्ट में

रिपोर्ट में प्रतिस्पर्धा में पारदर्शिता और निष्पक्षता की वकालत करने, समान तकनीक पहुंच नीतियों को लागू करने और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने और एंजेल नेटवर्क और इनक्यूबेटर को टियर 2 और 3 शहरों तक बढ़ाने का सुझाव दिया गया.

KPMG इन इंडिया के अखिलेश टुटेजा ने कहा, "TIE, सरकारी पहल, तकनीकी प्रगति और निजी क्षेत्र के सहयोग जैसे समुदायों के माध्यम से रखी जा रही ठोस नींव - एक इनोवेशन हब के रूप में भारत की वैश्विक स्थिति को फिर परिभाषित करने की क्षमता रखती है..."

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