Tata Group का बड़ा फैसला: एन चंद्रशेखरन 2032 तक रहेंगे Tata Sons के चेयरमैन, पहली बार टूटा रिटायरमेंट रूल

Tata Group चंद्रशेखरन जब अपने मौजूदा कार्यकाल के अंत यानी फरवरी 2027 में 65 साल के होंगे, तो उन्हें एक और कार्यकाल के लिए मौका मिलेगा. यह पहली बार है जब टाटा ग्रुप ने किसी व्यक्ति को 65 साल की उम्र के बाद भी चेयरमैन के रूप में जारी रखने की अनुमति दी है.

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रिपोर्ट के मुताबिक, एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) का कार्यकाल बढ़ाने का फैसला टाटा की लॉन्ग टाइम स्ट्रैटजी का हिस्सा है.
नई दिल्ली:

टाटा ग्रुप से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है.टाटा ट्रंस्ट ने सर्वसम्मति से टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) का कार्यकाल 2032 तक बढ़ाने का फैसला लिया है. यह फैसला खास इसलिए भी है क्योंकि टाटा ग्रुप पहली बार अपनी रिटायरमेंट पॉलिसी को तोड़ रहा है, जिसमें किसी भी टॉप एग्जीक्यूटिव के लिए 65 साल की उम्र सीमा तय की गई थी. 

एन चंद्रशेखरन 2032 तक बने रहेंगे टाटा संस के चेयरमैन

Tata Group के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन जब अपने मौजूदा कार्यकाल के अंत यानी फरवरी 2027 में 65 साल के होंगे, तो उन्हें एक और कार्यकाल के लिए मौका मिलेगा. इस तरह वे 2032 तक टाटा संस के चेयरमैन बने रहेंगे और उस समय उनकी उम्र 70 साल होगी.

Tata Group ने पहली बार रिटायरमेंट पॉलिसी में किया बदलाव

यह पहली बार है जब टाटा ग्रुप ने किसी व्यक्ति को 65 साल की उम्र के बाद भी चेयरमैन के रूप में जारी रखने की अनुमति दी गई है. NDTV Profit की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रस्टीज ने इस फैसले को इस साल की शुरुआत में ही मंजूरी दे दी थी और इसमें किसी तरह का मतभेद नहीं था. इस फैसले के जरिए ग्रुप ने साफ कर दिया है कि लीडरशिप कंटिन्यूटी यानी नेतृत्व की स्थिरता को वह सबसे अहम मानता है.

टाटा ट्रंस्ट की मीटिंग में नहीं हई थी एक्सटेंशन की बात

दिलचस्प बात यह है कि चंद्रशेखरन के एक्सटेंशन पर चर्चा टाटा ट्रंस्ट्स  की शुक्रवार वाली मीटिंग में नहीं हुई. यानी यह फैसला पहले ही तय किया जा चुका था और अब सिर्फ इसे औपचारिक रूप से मंजूरी दी गई है. इससे यह भी साफ होता है कि ट्रस्टीज के बीच इस मुद्दे पर कोई मतभेद नहीं था और सभी ने एकमत से इस पर सहमति दी.

लीडरशिप कंटिन्यूटी पर Tata Group का फोकस

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चंद्रशेखरन का कार्यकाल बढ़ाने का फैसला टाटा की लॉन्ग टाइम स्ट्रैटजी का हिस्सा है. कंपनी का मानना है कि पिछले कुछ सालों में ग्रुप ने कई बड़े सेक्टरों में अपनी स्थिति मजबूत की है और अब लीडरशिप में निरंतरता बनाए रखना बिजनेस ग्रोथ के लिए जरूरी है.

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