कई दिनों की गिरावट के बाद भारतीय शेयर बाजार ने हफ्ते की शुरुआत मजबूती के साथ की है. सोमवार 29 सितंबर को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 175 अंक की मजबूती के साथ 80,601.92 पर और निफ्टी 55 अंक चढ़कर 24,710.65 पर पहुंच गया. निफ्टी ने भी 24,700 का लेवल दोबारा हासिल कर लिया है.अमेरिकी बाजारों से मिले मजबूत संकेत और एशियाई बाजारों के मिले-जुले रुझान का असर भारतीय मार्केट की ओपनिंग पर साफ देखने को मिला है.
वहीं, सुबह 9:58 बजे के करीब सेंसेक्स 330.65 अंक(0.41%) की बढ़त के साथ 80,757.11 पर और निफ्टी 107.00 अंक (0.43%) की तेजी के साथ 24,761.70 के लेवल पर ट्रेड कर रहा था.
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में तेजी
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में तेजी देखने को मिल रही है. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 418 अंक या 0.74 प्रतिशत की मजबूती के साथ 56,797.30 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 132 अंक या 0.75 प्रतिशत की तेजी के साथ 17,692 पर था.
टॉप लूजर्स और लूजर्स
सेंसेक्स के शेयरों में बीईएल, इटरनल, टाइटन, टाटा स्टील, ट्रेंट, एमएंडएम, टाटा मोटर्स, इन्फोसिस, बजाज फाइनेंस, सन फार्मा, टीसीएस, एसबीआई और पावर ग्रिड टॉप गेनर्स थे. एचयूएल, एक्सिस बैंक, एलएंडटी, मारुति सुजुकी, भारती एयरटेल, आईटीसी और एचसीएल टेक टॉप लूजर्स थे.
पिछले हफ्ते शेयर बाजार में बड़ी गिरावट
शुक्रवार 27 सितंबर को भारतीय शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ बंद हुआ था. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 733 अंक टूटकर 80,426.46 पर और निफ्टी 236 अंक गिरकर 24,654.70 पर बंद हुआ.
पिछला पूरा हफ्ता बिकवाली वाला रहा. निफ्टी 672 अंक यानी 2.65% गिरा, जबकि सेंसेक्स 2,199 अंक यानी 2.66% टूट गया. इस दौरान देश की टॉप 10 कंपनियों का मार्केट कैप 2.99 लाख करोड़ रुपये घट गया.
अब किन फैक्टर्स पर टिकी है बाजार की नजर
मार्केट एक्सपर्ट के अनुसार इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार का रुख कई अहम फैक्टर्स से तय होगा. इसमें RBI की MPC बैठक, भारत-अमेरिका ट्रेड डील और एफआईआई यानी विदेशी निवेशकों का डेटा अहम भूमिका निभाएंगे.
RBI MPC बैठक से क्या उम्मीद
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 29 सितंबर से 1 अक्टूबर तक होगी. इस बैठक में ब्याज दरों की समीक्षा की जाएगी. माना जा रहा है कि इस बार RBI रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकता है. फिलहाल रेपो रेट 5.5% पर है.पिछली बैठक में RBI ने दरों को यथावत रखा था, लेकिन फरवरी 2025 से अब तक करीब 1% की कटौती हो चुकी है. अगर इस बार भी ब्याज दरें घटती हैं तो इसका सीधा असर लोन, EMI और बाजार की चाल पर पड़ सकता है.