भारतीय शेयर बाजार बुधवार को इस कारोबारी हफ्ते में लगातार दूसरे दिन लाल निशान में खुला. शुरुआती कारोबार में पीएसयू बैंक और फार्मा सेक्टर में बिकवाली देखने को मिल रही है.बीएसई का सेंसेक्स 311.88 अंक या 0.39 प्रतिशत गिरने के बाद 80,057.15 पर कारोबार कर रहा है. वहीं, एनएसई का निफ्टी 94.10 अंक या 0.38 प्रतिशत गिरने के बाद 24,372.75 पर कारोबार कर रहा है.
मंगलवार को बाजार में तेजी देखने को मिली थी. कारोबार के अंत में बैंक शेयरों के दम पर बाजार चढ़ गया था. सेंसेक्स 363.99 अंक या 0.45 प्रतिशत चढ़ कर 80,369.03 पर बंद हुआ था. निफ्टी 127.70 अंक या 0.52 प्रतिशत चढ़ने के बाद 24,466.85 पर था.
हालांकि, बाजार का रुझान बुधवार को सकारात्मक बना हुआ है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 1666 शेयर हरे, जबकि 586 शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं.
निफ्टी बैंक 430.40 अंक या 0.82 प्रतिशत फिसलने के बाद के 52,890.30 पर है. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 209.45 अंक या 0.37 प्रतिशत चढ़ने के बाद 56,460.75 स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 156.40 अंक या 0.86 प्रतिशत चढ़ने के बाद 18,355.35 पर है.
सेंसेक्स पैक में मारुति, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, टीसीएस और आईटीसी टॉप गेनर्स थे. वहीं, सन फार्मा, बजाज फिनसर्व, टाइटन, एचसीएल टेक, पावरग्रिड और एशियन पेंट्स टॉप लूजर्स थे. निफ्टी पैक में मारुति, बीईएल, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स और बजाज ऑटो टॉप गेनर्स थे. वहीं, सिप्ला, डॉ. रेड्डीज, सन फार्मा, श्रीराम फाइनेंस, बजाज फिनसर्व और टाइटन टॉप लूजर्स थे.
एशियाई बाजारों की बात करें तो टोक्यो के बाजार को छोड़कर बैंकॉक, हांगकांग, शंघाई, जकार्ता और सोल के बाजार लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे. अमेरिकी शेयर बाजार बीते कारोबारी दिन लाल निशान पर बंद हुए थे.
बाजार के जानकारों के अनुसार,"निकट भविष्य में बाजार सकारात्मक और नकारात्मक कारकों से प्रभावित होगा. सकारात्मक कारक कल एफआईआई की बिक्री में तेज गिरावट है, जो मात्र 548 करोड़ रुपये रह गई. यह इस बात का संकेत है कि 'भारत बेचो, चीन खरीदो' का एफआईआई सामरिक व्यापार समाप्त हो रहा है. बाजार में अधिक डीआईआई और खुदरा धन आने तथा एफआईआई की बिक्री में कमी आने के साथ, त्योहारी मूड से बाजार को निकट भविष्य में बढ़ावा मिल सकता है. लेकिन तेजी का यह रुझान बरकरार रहने की संभावना नहीं है क्योंकि दूसरी तिमाही की आय संख्या वित्त वर्ष 25 के लिए आय में नरमी का संकेत देती है."
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 29 अक्टूबर को 548 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने उसी दिन 730 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी खरीदी.