शेयर बाजार की धमाकेदार शुरुआत, सेंसेक्स पहली बार 80,000 के पार, निफ्टी 24,300 के करीब

Stock Market Today On 3 July 2024: शेयर बाजार में जारी तेजी लोकसभा चुनावों से पहले के बाजार के अनुमानों को सही साबित कर रही है.

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Stock Market Updates:शेयर बाजार में तेजी मजबूत वैश्विक रुझानों और बैंक शेयरों में जोरदार खरीदारी के कारण आई है.
नई दिल्ली:

Share Market Today:  आज शेयर बाजार की धमाकेदार शुरुआत हुई. बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी ने आज बुधवार को जोरदार तेजी के साथ कारोबार शुरू किया. आज यानी 3 जुलाई 2024 को पहली बार सेंसेक्स ऐतिहासिक 80,000 के आंकड़े को पार कर गया. वहीं  प्री-ओपनिंग सेशन में निफ्टी भी 24,300 के करीब पहुंच गया.

सुबह 9:15 बजे तक, NSE निफ्टी 50 0.7% की बढ़त के साथ 24,291.75 अंक पर पहुंच गया है. वहीं, BSE सेंसेक्स भी 0.72% ऊपर चढ़कर 80,013.77 अंकों पर पहुंच गया है.

सही साबित हो रहे चुनावों से पहले के बाजार के अनुमान

बता दें कि शेयर बाजार में ये तेजी मजबूत वैश्विक रुझानों और बैंक शेयरों में जोरदार खरीदारी के कारण आई है. ये तेजी लोकसभा चुनावों से पहले के बाजार के अनुमानों को सही साबित कर रही है.

सेंसेक्स-निफ्टी नए शिखर पर

शुरुआती कारोबार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 597.77 अंक की उछाल के साथ 80,039.22 के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया. वहीं निफ्टी भी नया शिखर छूने में कामयाब रहा. निफ्टी 168.3 अंक की बढ़त के साथ 24,292.15 के नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया.

बीएसई लिस्टेड के शेयरों में एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, भारती एयरटेल और नेस्ले सबसे ज्यादा बढ़त दर्ज करने वाले शेयरों में शामिल रहे जबकि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, सन फार्मा, इंफोसिस और टाटा मोटर्स के शेयरों में गिरावट देखी गई.

पहली छमाही में सेंसेक्स-निफ्टी ने दिया करीब 10% का रिटर्न

पिछले कुछ दिनों से सेंसेक्स और निफ्टी दोनों करीब हर दिन नया ऑल टाइम हाई बना रहे हैं. वहीं, साल 2024 में अब तक शेयर बाजार का प्रदर्शन  शानदार रहा है. इस वर्ष की पहली छमाही में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने निवेशकों को करीब 10 प्रतिशत का रिटर्न  दिया है.

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आगे आने वाले समय में भी ट्रेंड जारी रहने की उम्मीद

मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि आगे आने वाले समय में भी यह ट्रेंड जारी रह सकता है. इसकी वजह विदेशी निवेशकों की ओर से बाजार में की जा रही खरीदारी और फेड द्वारा ब्याज दरों में कमी की संभावना  है. यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है.

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