एसएंडपी ने भारत के रेटिंग परिदृश्य को 'स्थिर' से 'सकारात्मक' किया

एसएंडपी ने कहा कि यदि भारत सतर्क राजकोषीय और मौद्रिक नीति अपनाता है, जिससे सरकार के बढ़े हुए कर्ज़ तथा ब्याज के बोझ में कमी आती है और आर्थिक जुझारू क्षमता बढ़ती है, तो वह अगले दो साल में भारत की साख को बढ़ा सकती है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
एसएंडपी ने कहा, यदि भारत सतर्क राजकोषीय और मौद्रिक नीति अपनाता है, तो वह अगले दो साल में भारत की साख को बढ़ा सकती है...
नई दिल्ली:

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग ने भारत के साख (रेटिंग) परिदृश्य को 'स्थिर' से बढ़ाकर 'सकारात्मक' कर दिया है. साथ ही मज़बूत वृद्धि और सरकारी व्यय की बेहतर गुणवत्ता के आधार पर रेटिंग को 'बीबीबी-' पर बरकरार रखा गया है.

एसएंडपी ने कहा कि यदि भारत सतर्क राजकोषीय और मौद्रिक नीति अपनाता है, जिससे सरकार के बढ़े हुए कर्ज़ तथा ब्याज के बोझ में कमी आती है और आर्थिक जुझारू क्षमता बढ़ती है, तो वह अगले दो साल में भारत की साख को बढ़ा सकती है.

एसएंडपी ने कहा, "सकारात्मक परिदृश्य हमारे इस दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करता है कि निरंतर नीतिगत स्थिरता, गहन आर्थिक सुधार तथा उच्च बुनियादी ढांचा निवेश दीर्घकालिक वृद्धि संभावनाओं को बनाए रखेंगे..."

एसएंडपी ने भारत के लिए परिदृश्य को 'स्थिर' से संशोधित कर 'सकारात्मक' कर दिया है। साथ ही 'बीबीबी-' दीर्घकालिक और 'ए-3' अल्पकालिक विदेशी तथा स्थानीय मुद्रा सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग की पुष्टि की है.

'बीबीबी-' सबसे निचली निवेश श्रेणी रेटिंग है. एजेंसी ने पिछली बार 2010 में रेटिंग परिदृश्य को 'नकारात्मक' से बढ़ाकर 'स्थिर' किया था.

अमेरिका की एजेंसी ने कहा कि यदि भारत का राजकोषीय घाटा सार्थक रूप से कम होता है और परिणामस्वरूप सामान्य सरकारी ऋण संरचनात्मक आधार पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के सात प्रतिशत से नीचे आ जाता है, तो वह रेटिंग बढ़ा सकती है.

सभी तीन प्रमुख वैश्विक रेटिंग एजेंसियों एसएंडपी, फिच और मूडीज़ ने भारत को सबसे निम्न निवेश ग्रेड रेटिंग दी है. हालांकि, फिच और मूडीज़ ने अपनी रेटिंग पर अब भी 'स्थिर' परिदृश्य कायम रखा है. निवेशक इन रेटिंग को देश की साख के मापदंड के तौर पर देखते हैं और इसका उधार लेने की लागत पर प्रभाव पड़ता है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
22 साल इजरायली Jail में रह 'खान यूनिस का कसाई' Yahya Sinwar, अब हुई मौत