15 रुपये वाला शेयर 11,000 के पार पहुंच गया, जिसने 1 लाख लगाए, आज करोड़ों में खेल रहा! अब आगे क्‍या?

इस दौरान सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि शेयर की कीमत और कंपनी की कारोबारी हकीकत के बीच काफी ज्यादा अंतर नजर आ रहा है. कंपनी ने अपने खुलासों में माना कि उसने अभी तक किसी भी तरह की सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग शुरू नहीं की है.

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RRP Semiconductor Share Price (सांकेतिक तस्‍वीर)

स्टॉक मार्केट में एक सेमीकंडक्टर कंपनी का स्टॉक चर्चा का विषय बन गया है. BSE लिस्टेड इस कंपनी का नाम है RRP सेमीकंडक्टर और इसके शेयर्स ने महज 20 महीनों के अंदर 55,000% से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की है. यह उछाल इतना असाधारण है कि इससे न केवल निवेशक बल्कि मार्केट रेग्युलेटर्स भी सतर्क हो गए हैं. खबरों के मुताबिक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने इस तेजी की जांच शुरू कर दी है, जबकि BSE ने शेयर पर कड़ी निगरानी और ट्रेडिंग प्रतिबंध लागू किए हैं.

इस दौरान सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि शेयर की कीमत और कंपनी की कारोबारी हकीकत के बीच काफी ज्यादा अंतर नजर आ रहा है. जहां एक तरफ शेयर ने अपर सर्किट पर लगातार उड़ान भरी, वहीं कंपनी ने अपने खुलासों में माना कि उसने अभी तक किसी भी तरह की सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग शुरू नहीं की है.

₹15 से ₹11,000 तक का सफर

रिपोर्ट्स के अनुसार, RRP सेमीकंडक्टर का शेयर 2024 की शुरुआत में 15-20 रुपए पर था, जो दिसंबर 2025 तक बढ़कर करीब 11,095 रुपए तक पहुंच गया. इसके चलते कंपनी का मार्केट कैप लगभग 15,000 करोड़ रुपए को छू गया है. इस बीच वैल्यूएशन के आंकड़े भी हैरान करने वाले हैं. कंपनी का 6,097 के आसपास नेगेटिव P/E (price-to-earnings) और 1,080 के आसपास मार्केट-कैप-टू-सेल्स रेश्यो बताया गया था, जो आमतौर पर मजबूत कमाई वाली कंपनियां भी हासिल नहीं कर पाती हैं.

मैन्युफैक्चरिंग प्लांट कहां हैं?

मौजूदा समय में यह शेयर इसलिए भी ध्यान आकर्षित कर रहा है, क्योंकि सेमीकंडक्टर और AI इस समय सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली निवेश थीम हैं. लेकिन दिसंबर की एक एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने खुद कहा है कि उसने अभी तक सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग शुरू नहीं की है और न ही किसी सरकारी सेमीकंडक्टर पॉलिसी के तहत अप्लाई किया है. कंपनी ने चिप एक्सपोर्ट, बड़े ऑर्डर और मशहूर हस्तियों से जुड़े कई दावों का भी खंडन किया है.

कई रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया कि कंपनी के पास केवल दो कर्मचारी हैं. हालांकि, कर्मचारियों की संख्या अपने आप में सब कुछ नहीं बताती, लेकिन यह फैक्ट इस बात का संकेत देता है कि यह तेजी एक मजबूत कारोबारी आधार से ज्यादा सट्टा और लिक्विडिटी का मामला लगती है.

नेगेटिव रेवेन्यू और लगातार घाटा

कंपनी का फाइनेंशियल रिकॉर्ड भी इस तेजी पर सवाल खड़े करता है. सितंबर 2025 तिमाही में कंपनी ने करीब 6.82 करोड़ रुपए का नेगेटिव रेवेन्यू और 7.15 करोड़ रुपए का घाटा दर्ज किया है. इसका कारण पहले बुक किए गए एक बड़े ऑर्डर का रद्द होना बताया गया. एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे अस्थिर फाइनेंशियल प्रदर्शन वाली कंपनी का हजारों करोड़ का वैल्यूएशन साधारण बात नहीं है.

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BSE की सख्ती

बीएसई ने RRP सेमीकंडक्टर को Additional Surveillance Measure (ASM) के तहत डाल दिया है. इसके चलते सख्त प्राइस बैंड, ट्रेड-टू-ट्रेड सेटलमेंट और आखिरकार हफ्ते में केवल एक दिन ट्रेडिंग की व्यवस्था लागू की गई. इसका मकसद असामान्य उतार-चढ़ाव और निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाना है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, कंपनी के ज्यादातर शेयर लॉक-इन में हैं और बाजार में बहुत कम शेयर उपलब्ध हैं. इस वजह से थोड़ी सी खरीदारी भी कीमत को तेजी से ऊपर ले जा सकती है. यही कारण है कि शेयर में लंबे पीरियड तक अपर सर्किट लगा रहा.

निवेशकों के लिए चेतावनी

RRP सेमीकंडक्टर की तेजी भारत के शेयर बाजार में एक अहम चेतावनी बनकर उभरी है. यह दिखाती है कि कैसे किसी लोकप्रिय थीम, सीमित शेयर उपलब्धता और सोशल मीडिया चर्चाओं के दम पर कीमतें बहुत आगे निकल सकती हैं. एक्सपर्ट्स ने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे शेयरों में जोखिम काफी ज्यादा हो सकता है. इसलिए निवेशकों को सोच समझकर इस स्टॉक का रुख करना चाहिए. 

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