RBI MPC: 6.8 फीसदी की दर से बढ़ेगी देश की जीडीपी, कम होगी महंगाई! गवर्नर संजय मल्‍होत्रा ने दी खुशखबरी

आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया है. साथ ही, केंद्रीय गवर्नर ने कहा कि पहली तिमाही में जीडीपी में देखी गई तेजी बनी हुई है.

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India GDP and Inflation: आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को मौद्रिक नीति कमेटी (MPC) की मीटिंग के फैसलों का ऐलान करते हुए अनुमान जताया कि देश की जीडीपी तेजी से बढ़ेगी. कमिटी ने जीडीपी ग्रोथ के पूर्व के अनुमान 6.5 फीसदी को बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया है. वहीं आने वाले समय में देश में महंगाई कम होने की उम्‍मीद है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है और अच्छे मानसून के कारण महंगाई दर में कमी आ रही है. जीएसटी कटौती से अर्थव्यवस्था की विकास की रफ्तार में तेजी आई है. हालांकि, टैरिफ के कारण निर्यात को लेकर चिताएं बनी हुई है.

तेजी से बढ़ेगी देश की जीडीपी 

आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया है. साथ ही, केंद्रीय गवर्नर ने कहा कि पहली तिमाही में जीडीपी में देखी गई तेजी बनी हुई है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी की विकास दर 7 फीसदी, तीसरी तिमाही में 6.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 6.2 फीसदी रह सकती है.

महंगाई के मोर्चे पर राहत 

केंद्रीय गवर्नर ने वित्त वर्ष 26 (चालू वित्त वर्ष) के लिए रिटेल महंगाई दर के अनुमान को घटाकर 2.6 फीसदी कर दिया, जो कि अगस्त 3.1 फीसदी पर था. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए महंगाई दर के अनुमान को 2.1 फीसदी से घटाकर 1.8 फीसदी, तीसरी तिमाही के अनुमान को 3.1 फीसदी से घटाकर 1.8 फीसदी और चौथी तिमाही के लिए 4 फीसदी कर दिया है. आरबीआई ने अनुमान में आगे बताया कि वित्त वर्ष 27 की पहली तिमाही में महंगाई 4.5 फीसदी रह सकती है.

महंगाई अनुमान 

  • दूसरी तिमाही (FY26  Q2) में महंगाई अनुमान 1.8% है, पहले 2.1% था. 
  • तीसरी तिमाही (FY26  Q3) में महंगाई अनुमान भी 1.8% है, पहले 3.1% था. 
  • चौथी तिमाही में (FY26  Q4) महंगाई अनुमान 4% है. 
  • अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही (Q1 FY27) के लिए महंगाई अनुमान 4.5% रखा गया है.

एमपीसी मीटिंग के बाद केंद्रीय बैंक ने रेपो रेटो को 5.50 फीसदी पर स्थिर रखा है. साथ ही, मौद्रिक नीति के रुख को 'न्यूट्रल' रखा है. इससे पहले अगस्त की एमपीसी बैठक में भी आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था. 2025 की शुरुआत से अब तक केंद्रीय बैंक रेपो रेट को एक फीसदी कम कर चुका है, जिसमें फरवरी में 0.25 फीसदी, अप्रैल में 0.25 फीसदी और जून में 0.50 फीसदी की कटौती शामिल है.

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