भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड पर शेयरों और डिबेंचरों के एवज में किसी भी तरह की फंडिंग करने से तत्काल रोक लगा दी जिसमें आईपीओ पर लोन की मंजूरी एवं वितरण भी शामिल है. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि जेएम फाइनेंशियल सामान्य संग्रह और वसूली प्रक्रिया के जरिये अपने मौजूदा लोन खातों से जुड़ी गतिविधियां बरकरार रख सकती है.
फंडिंग को तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश
जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स को शेयरों और डिबेंचरों के एवज में किसी भी प्रकार के फंडिंग को तत्काल प्रभाव से रोकने और परहेज करने को कहा गया है. इस पाबंदी में शेयरों के आईपीओ के साथ-साथ डिबेंचर पर कर्ज की स्वीकृति और वितरण भी शामिल है.
आरबीआई ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा साझा की गई जानकारी के आधार पर कंपनी के बहीखातों की सीमित समीक्षा की थी. रिजर्व बैंक ने कहा कि जेएम फाइनेंशियल का एक विशेष ऑडिट पूरा होने और खामियां दूर करने से संबंधित कदमों पर संतुष्टि होने के बाद इन व्यावसायिक प्रतिबंधों की समीक्षा की जाएगी.
रिजर्व बैंक ने IIFL फाइनेंस पर भी की कारवाई
वहीं, बीते दिन रिजर्व बैंक ने आईआईएफएल फाइनेंस लिमिटेड को स्वर्ण ऋण वितरित करने से तत्काल प्रभाव से रोक लगाई थी .सोने की शुद्धता की जांच और सत्यापन में गंभीर खामियां पाए जाने के बाद यह कदम उठाया गया.भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का यह निर्देश कंपनी के सिर्फ स्वर्ण ऋण कारोबार से संबंधित है. बता दें कि अग्रणी वित्तीय सेवा प्रदाता आईआईएफएल फाइनेंस कई तरह के ऋण और गिरवी रखकर कर्ज सुविधा मुहैया कराती है.
बयान के मुताबिक, ‘‘आरबीआई ने आईआईएफएल फाइनेंस लि. को निर्देश दिया है कि वह तत्काल प्रभाव से स्वर्ण ऋण को मंजूरी देने या वितरित करने या अपने किसी भी गोल्ड लोन के प्रतिभूतिकरण या बिक्री को बंद कर दे.''
पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर रोक की समयसीमा 15 मार्च तक बढ़ी
आरबीआई ने कहा कि 31 मार्च, 2023 तक आईआईएफएल की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में कंपनी का निरीक्षण किया गया था. इससे पहले रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) को29 फरवरी से ग्राहकों से नई जमा स्वीकार करना बंद करने का आदेश दिया था. इस समयसीमा को बाद में बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया गया.