फैशन ब्रांड Provogue India Ltd की दिवालियापन और लिक्विडेशन प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कंपनी के पूर्व डायरेक्टर निखिल चतुर्वेदी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. इस शिकायत के आधार पर अंबोली पुलिस ने कई लोगों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की है. मामले की गंभीरता को देखते हुए अब यह जांच इकनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) को सौंप दी गई है और पड़ताल जारी है.
जानबूझकर कम कीमत पर कंपनी बेचने और फर्जीवाड़े का आरोप
शिकायत में यह गंभीर दावा किया गया है कि दिवालिया प्रक्रिया के दौरान जानबूझकर कंपनी को कम कीमत पर दिखाया गया और एक सोची-समझी साजिश के तहत उसे Plutus Investment and Holding Pvt. Ltd. को सस्ते में बेच दिया गया.
इस मामले में जिन लोगों के नाम सामने आए हैं उनमें अमित गुप्ता, समीर खंडेलवाल, राकेश रावत, अरपित खंडेलवाल और Plutus Investment & Holding Pvt. Ltd. शामिल हैं.
NCLT द्वारा नियुक्त लिक्विडेटर पर गंभीर लापरवाही के आरोप
शिकायत के अनुसार, अमित गुप्ता, जिन्हें NCLT ने पहले Resolution Professional और बाद में Liquidator नियुक्त किया था, उन्होंने लिक्विडेशन के दौरान 32.71 करोड़ रुपये की बकाया रकम वसूलने में कथित तौर पर लापरवाही बरती. यह भी आरोप है कि Provogue की 100% सब्सिडियरी Elite Team Hong Kong Ltd. की संपत्तियों को, वैल्यूएशन रिपोर्ट में सिर्फ “Other Assets” के नाम से छुपाया गया.
जानबूझकर नीलामी रोकने से कंपनी को हुआ बड़ा नुकसान
शिकायत में यह भी कहा गया है कि कंपनी की नीलामी लगभग दो साल तक जानबूझकर रोकी गई, जिससे Provogue को करीब 90 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ. एफआईआर दर्ज होने के बाद अब EOW इस बात की पड़ताल कर रही है कि लिक्विडेशन प्रक्रिया के दौरान किस स्तर पर और किसके इशारे पर यह वित्तीय धोखाधड़ी की गई.














