5-जी सेवाओं के बावजूद बेहतर और तेज़ कनेक्टिविटी का टेलीकॉम कंपनियों का वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है, लेकिन हाल ही में तीनों प्रमुख टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडरों ने अपने-अपने टैरिफ़ में बढ़ोतरी की है. दूरसंचार विभाग ने भी दो साल से ज़्यादा वक्त के बाद और 5-जी सेवाओं के लिए भारी निवेश किए होने का ज़िक्र करते हुए टैरिफ़ बढ़ाए जाने को जायज़ ठहराया है, लेकिन नेटवर्क की खराब क्वालिटी के बारे में उपभोक्ताएं की शिकायतें भी टैरिफ़ के अनुपात में बढ़ती जा रही हैं. मोबाइल सर्विस का हाल इतना खराब है कि लगभग 89 फ़ीसदी उपभोक्ताओं को कॉल कनेक्ट नहीं होने या कॉल कट जाने (कॉल ड्रॉप) जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
हाल ही में TRAI ने भी कहा कि 4-जी और 5-जी नेटवर्क पुराने 2-जी और 3-जी नेटवर्क की तुलना में ज़्यादा व्यापक कवरेज दे रहे हैं, इसलिए उपभोक्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए 4-जी और 5-जी सेवाओं के लिए सख्त प्रदर्शन बेंचमार्क प्रस्तावित हैं, जिनमें कॉल ड्रॉप पर विशेष ध्यान दिया गया है.
पिछले 12 माह में मोबाइल फ़ोन सब्सक्राइबरों द्वारा नियमित रूप से की जा रही शिकायतों के मद्देनज़र LocalCircles ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर सर्वे किया, जिसमें पिछले तीन माह के दौरान सब्सक्राइबरों के सामने आई नेटवर्क से जुड़ी दिक्कतों के बारे में सवाल किए गए. मोबाइल फ़ोन उपभोक्ताओं से खासतौर से सवाल किया गया कि पिछले तीन माह के दौरान कितनी बार उन्हें कॉल ड्रॉप जैसी दिक्कतों के चलते मोबाइल डेटा से कॉल करनी पड़ी.
मार्च और जून, 2024 के बीच किए गए सर्वे में देश के 362 जिलों के 32,000 से ज़्यादा निवासियों ने जवाब दिए. सर्वे में शामिल 64 फ़ीसदी उपभोक्ता पुरुष थे, और शेष 36 फ़ीसदी महिलाएं थीं. 44 फ़ीसदी उपभोक्ता टियर 1 शहरों से थे, 33 फ़ीसदी टियर 2 शहरों से और 23 फ़ीसदी उपभोक्ता टियर 3, 4 शहरों-कस्बों और ग्रामीण जिलों से थे.
89 फ़ीसदी उपभोक्ता करते हैं कॉल ड्रॉप की समस्या का सामना
सोशल मीडिया पर मौजूद अलग-अलग रिपोर्टों के मुताबिक कॉल ड्रॉप और मोबाइल कनेक्टिविटी की दिक्कत सिर्फ़ ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं, बड़े महानगरों में भी होती है. सर्वे में पूछे गए सवाल 'पिछले तीन माह के दौरान आपके कितनी प्रतिशत मोबाइल फ़ोन कॉल में कनेक्टिविटी या कॉल ड्रॉप की समस्या सामने आई है...?' का जवाब देने वाले 10,925 उपभोक्ताओं में से 17 फ़ीसदी ने 'आधी से ज़्यादा' उत्तर दिया. 21 फ़ीसदी उपभोक्ताओं ने उत्तर में '20-50 फ़ीसदी' को चुना तथा 34 फ़ीसदी ने '10-20 फ़ीसदी कॉल में' को जवाब चुना. 17 फ़ीसदी उत्तरदाताओं ने '0-10 फ़ीसदी कॉल' को अपना जवाब चुना, जबकि 7 फ़ीसदी उत्तरदाताओं के अनुसार, उन्हें किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा. चार फ़ीसदी उत्तरदाताओं ने इस सवाल का जवाब दिया ही नहीं. कुल मिलाकर, इन आंकड़ों से ज़ाहिर है कि सर्वे में शामिल 89 फ़ीसदी उपभोक्ताओं को कॉल कनेक्टिविटी से जुड़ी दिक्कतों और कॉल ड्रॉप की समस्या का सामना करना पड़ा, और 38 फ़ीसदी उपभोक्ताओं को तो 20 फ़ीसदी से ज़्यादा कॉलों में ड्रॉप की समस्या का सामना करना पड़ा है.
पिछले 2 साल में मामूली सुधार हुआ है कॉल ड्रॉप की समस्या में
मौजूदा सर्वे के नतीजों की तुलना अगर सितंबर, 2022 के सर्वे के नतीजों से की जाए, तो पता चलता है कि मोबाइल फ़ोन कॉल की गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ है. कॉल कनेक्टिविटी से जुड़ी दिक्कतों और कॉल ड्रॉप की समस्याओं का सामने करने में 'आधी से ज़्यादा' को उत्तर चुनने वालों की तादाद 2022 के 19 फ़ीसदी की तुलना में इस बार 17 फ़ीसदी रह गई है. इसी तरह, '10-20 फ़ीसदी कॉल में' को जवाब चुनने वालों में भी 35 फ़ीसदी की तुलना में एक फ़ीसदी की गिरावट दर्ज हुई है, लेकिन जवाब में '20-50 फ़ीसदी' कहने वाले उपभोक्ताओं में 2022 के 37 फ़ीसदी के मुकाबले खासी गिरावट सामने आई, और सिर्फ़ 21 फ़ीसदी ने इसे अपना जवाब चुना. इस वर्ग में खासे बदलाव की वजह यह है कि इस बार 17 फ़़ीसदी उत्तरदाताओं ने '0-10 फ़ीसदी' को जवाब चुना है. सो, मोटे तौर पर दोनों सर्वे के बीच के समय में कॉल कनेक्ट्विटी और कॉल ड्रॉप की हालत में मामूली सुधार ही देखा गया है.
हर 3 में से एक मोबाइल फ़ोन यूज़र को करना पड़ता है डेटा कॉल
इसी सर्वे में उत्तरदाताओं से यह भी पूछा गया, 'आपको कितनी बार मोबाइल फ़ोन नेटवर्क के स्थान पर की बजाय डेटा अथवा वाईफ़ाई कॉल करने के लिए विवश होना पड़ता है'. इस सवाल के जवाब में हर तीसरे शख्स ने कॉल कनेक्टिविटी या कॉल ड्रॉप के चलते नियमित रूप से डेटा / वाईफ़ाई कॉल करने की बात कही. इस सवाल का जवाब देने वाले 10,764 उपभोक्ताओं में से 14 फ़ीसदी ने आधी से ज़्यादा बार डेटा कॉल करने की बात कही. 18 फ़ीसदी लोगों को 20-50 फ़ीसदी कॉलों के लिए डेटा कॉल करनी पड़ती है, और 10-20 फ़ीसदी मौकों पर डेटा कॉल करने वालों की तादाद भी 18 फ़ीसदी रही. 10 फ़ीसदी से कम अवसरों पर डेटा कॉल करने के लिए विवश होने वालों की संख्या 41 फ़ीसदी रही. इस तरह की समस्या का सामना कभी नहीं करने वाले 9 फ़ीसदी थे.
इस मामले में मौजूदा सर्वे परिणामों की तुलना अगर सितंबर, 2022 के सर्वे के परिणामों से करें, तो जानकारी मिलती है कि पिछले दो साल के दौरान मोबाइल फ़ोन नेटवर्क में कॉल कनेक्टिविटी में गड़बड़ी और कॉल ड्रॉप की दिक्कत के कारण डेटा या वाईफ़ाई कॉल, यानी व्हॉट्सऐप (WhatsApp), फ़ेसटाइम (FaceTime) और स्काइप (Skype) आदि OTT प्लेटफ़ॉर्मों का इस्तेमाल करने वालों की तादाद बढ़ी है.