केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) मंत्री जीतन राम मांझी ने आज NDTV इमर्जिंग बिजनेस कॉन्क्लेव में हिस्सा लिया. इस कॉन्क्लेव में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने MSME मंत्रालय की विभिन्न योजनाओ, प्रशिक्षण और रोजगार सृजन के बारे में बातचीत की. जैसे कि हम जानते हैं कि MSME भारत की ग्रोथ का अहम हिस्सा है. इसको भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी कहा जाता है. ऐसे में 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने में इनोवेशन, जॉब क्रिएशन और समावेशी विकास में MSME की भूमिका कितनी अहम होगी ?
जीतन राम मांझी ने इसके जवाब में कहा कि MSME एक विभाग एक अहम विभाग है जो कृषि के बाद सबसे ज्यादा भारत को आय और रोजगार प्रदान करने वाला है. इस बाद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जीडीपी का योगदान 30.1 प्रतिशत है और मैनुफैक्चरिंग में इसका योगदान 35.4% हैं.
5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त करने में MSME का बड़ा योगदान
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि जिस देश का एक्सपोर्ट ज्यादा होता है उस देश को समृद्द माना जाता है. एक्सपोर्ट में MSME विभाग का 45.73 प्रतिशत योगदान है. ऐसे में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए मैनुफैक्चरिंग, एक्सपोर्ट में सहयोग के माध्यम से हम इसे आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं.
MSME देश के युवाओं को दे रहा रोजगार
MSME को समाजिक और आर्थिक विकास का प्रेरक माना जाता है. ऐसे में सरकार की ओर से इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए लोन तक आसान पहुंच, डिजिटलाइजेशन और बाजार से इसे जोड़कर रखने के लिए सरकार की ओर से क्या पहल है? इसके बारे में बताते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि भारत में युवाओं की संख्या ज्यादा है और MSME विभाग बेरोजगार युवाओं के रोजगार प्रदान करने उन्हें हम तरह से सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक उन्नति प्रदान करता है. इसके लिए हमारा उद्यम पोर्टल (Udyam Registration Portal) है. इस पोर्टल पर युवा रजिस्ट्रेशन कराते हैं .
उन्होंने बताया कि जहां तक लोन की बात है इसमें यह सुविधा है कि 5 करोड़ तक के लीन लोन के लिए बैंक गारंटी का कोई आवश्यकता नहीं होती है. इस सुविधा के चलते युवा आकर्षित हो रहे है. 30 जून 2024 तक लगभग 6.78 करोड़ रुपये का बैंक गारंटी दे चुके हैं.
देश की आर्थिक वृद्धि, रोजगार सृजन में MSME की अहम भूमिका
MSME के लिए इंडस्ट्री, सरकार और वित्तीय संस्थानों के बीच साझेदारी जरूरी है. ताकि एक सस्टेनेबल इकोसिस्टम बना रहे. ऐसे में MSME देश की आर्थिक वृद्धि, रोजगार सृजन और सतत विकास को कैसे बढ़ावा दे सकती है? इसके जवाब में जीतन राम मांझी ने कहा कि हम प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना चला रहे हैं. जिसमें 18 छोटी-छोटी योजनाओं को शामिल किया गया है. इसमें प्रशिक्षण और लोन देने के साथ सब्सिड्यरी देने काम किया जा रहा है.
ऐसी ही एक और योजना है जिसका नाम है प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना...इसमें भी 21 नवंबर 2024 तक 9.84 लाख लोगों को रोजगार प्रदान कर चुके हैं. कुल रोजगार सृजन 8.33 लाख है. इसमें ग्रमीण क्षेत्र में 80 प्रतिशत रोजगार दिया जा रहा है और शहरी क्षेत्र के लोगों को 20 प्रतिशत रोजगार दिया जा रहा है.
देश की विकास यात्रा को नई ऊंचाईयों तक पहुंचा सकते हैं MSME
जीतन राम मांझी ने कहा कि हम सम्मेलन के माध्यम से MSME का प्रचार करते हैं क्योंकि MSME ऐसे लोगों के लिए है जो बड़ी-बड़ी कंपनियों में पहुंच नहीं सकते हैं. आज 24,000 हेवी इंजीनियरिंग फैक्ट्री है और 6 करोड़ यूनिट काम कर रहे हैं. इसमें 23 करोड़ लोग लगे हुए हैं. MSME का उद्देशय है कि अधिक से अधिक ग्रमीण क्षेत्रों का विकास करके कम से कम कार्बन डाई ऑक्ससाइड उत्सर्जन करने लोगों को रोजगार दें . जिससे हमारा भारत अपने पुराने गौरव को प्राप्त कर सके.भारत के MSME अपनी पूरी क्षमता से आगे बढ़ सकते हैं और देश की विकास यात्रा को नई ऊंचाईयों तक पहुंचा सकते हैं.