AI और टेक्नोलॉजी की बढ़ती डिमांड के बीच स्किल डेवलपमेंट को लेकर क्या है सरकार का प्लान? जयंत चौधरी ने कही ये बात

NDTV EMERGING BUSINESS CONCLAVE: जयंत चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हर मंच हर अवसर पर नौजवानों के लिए सोचते भी हैं और बोलते भी हैं.उनका विजन प्रेरणादयक है. प्रधानमंत्री मोदी देश के नौजवानों के लिए बंद हर दरवाजे को खोल रहे हैं .आज भारत सरकार डीप टेक्नोलॉजी के लिए एक स्टार्टअप पॉलिसी बना रही है. 

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NDTV EMERGING BUSINESS CONCLAVE: जयंत चौधरी ने कहा कि हमें ग्लोबल स्किलिंग कैपिटल बनना तो हमें स्किल गैप को खत्म करना होगा.
नई दिल्ली:

NDTV इमर्जिंग बिजनेस कॉन्क्लेव में स्किल डेवलपमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने भाग लिया. इस दौरान उन्होंने कौशल, रोजगार से जुड़ी सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में बात की. उन्होंने  कहा कि सबसे बड़ी बात जो ध्यान देने है कि आज हम कौशल विकास की बात करने लगे हैं . हम एंटरप्रेन्योरशिप की बात करने लगे हैं. आज हम परंपराओं से बाहर आए हैं और हर सेक्टर में युवाओं की अहम भूमिका है.

आज पॉलिसी में, सोशल सेक्टर में, इंडस्ट्री में साइंसेज में हर फील्ड में युवाओं को पहचान मिल रही है. हमारा ताल्लुक सीधा युवाओं से है. युवाओं से जुड़ने पर ज्यादा जोर है. 

डीप टेक्नोलॉजी के लिए स्टार्टअप पॉलिसी बना रही सरकार

जयंत चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हर मंच हर अवसर पर नौजवानों के लिए सोचते भी हैं और बोलते भी हैं.उनका विजन प्रेरणादयक है. प्रधानमंत्री मोदी देश के नौजवानों के लिए बंद हर दरवाजे को खोल रहे हैं .आज भारत सरकार डीप टेक्नोलॉजी के लिए एक स्टार्टअप पॉलिसी बना रही है. 

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उन्होंने कहा कि देश में 15000 से ज्यादा आईटीआई है और हर साल 15 लाख ग्रेजुएट हो रहे हैं. हमें ऐसे माहौल बनाने की जरूरत है कि उनके आईटीआई पास करके के बाद वह उस लायक बन जाएं कि वो अपना बिजनेस शुरू कर पाएं. युवा आज समाज में अपना योगदान दें. स्किलिंग के बारे में सोच रहे हैं.. अपने विकास के बारे में सोच रहे हैं और उन्हें नौकरियां भी मिल रही है. 

राज्यों और इंडस्ट्री के बीच पार्टनरशिप की जरूरत

इसके आगे उन्होंने कहा कि ये एक बड़ा टास्क है. यह राज्यों और इंडस्ट्री के पार्टनरशिप की जरूरत है.वहमें ऐसे लोगों की जरूरत होगी जिन्होंने अपने काम स्थापित किए हैं. इंडस्ट्री युनिट चला रहे हैं... जो हायर एजुकेशन के संस्थाएं है. हमें स्किलिंग इकोसिस्टम, आईटीआई , कौशल विकास योजना के हमारे ट्रेनिंग पार्टनर्स और सभी संस्थाओं का सहयोग चाहिए.

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AI और टेक्नोलॉजी की बढ़ती डिमांड के बीच का जॉब्स पर क्या होगा असर?

AI और टेक्नोलॉजी की बढ़ती डिमांड के बीच कहा जा रहा है कि आज से 10 साल पुराने जॉब्स शायद आज के 5 साल बाद नहीं होंगे. इस तेजी से बढ़ती टेक्नोलॉजी को दौर में स्किलिंग का क्या योगदान है? कैसे हम युवाओ के वो स्किल दें कि आज के 5 या 10 साल भी जॉब्स की कोई दिक्कत न हों. वह भविष्य के वर्कफोर्स ले लिए तैयार रहे... इस पर उन्होंने कहा कि एक सच्चाई है जो बहुत लोगों को कड़वी लगेगी. आज जो कोर्स हम कर रहे हैं जरूरी नहीं है कि 10 साल बाद उसकी डिमांड हो, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि उस कोर्स को करने की जरूरत नहीं है. इसे आपको आज के आज करना है. लेकिन हो सकता है कि आज से 2 या 4 या 5 साल बाद आपके अपने आप को अपस्किलिंग और रीस्केलिंग करने की जरूरत हो.

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शार्ट टर्म स्किल कोर्स की डिमांड बढ़ी, स्किल गैप को खत्म करने की जरूरत

जयंत चौधरी ने कहा, ये जो एक धारणा है कि डिग्री लेकर कॉलेज में एडमिशन ले लो...कुछ नहीं हो रहा है तो बीए कर लो...नौकरी मिल जाएगी. अब वो स्थिति नहीं है...वो समय बहुत पहले चला गया. आज लोगों में शार्ट टर्म स्किल कोर्स की बहुत डिमांड है. आज ये युवा ये जानते हैं कि स्किल गैप कहां है .प्रधानमंत्री ने कहा है कि हमें ग्लोबल स्किलिंग कैपिटल बनना तो हमें उस स्किल गैप को खत्म करना होगा.

बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों को आगे आने की जरूरत

भारत में कोई भी बड़ा कॉर्पोरेट पूरी तरह से आइसोलेशन में नहीं रह सकता, उन्हें समाज के साथ जुड़ना होगा, उन्हें भारत की कुछ समस्याओं का समाधान करना होगा. ऐसे हर फील्ड में तालमेल बनाकर काम करने की जरूरत है. 

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