बंद हो जाएगा Koo - एक्विज़िशन की बातचीत नाकाम होने के बाद फ़ाउंडरों ने की घोषणा

Koo के संस्थापकों राधाकृष्ण और बिदावतका ने कहा कि 'कई बड़ी इंटरनेट कंपनियों, समूहों और मीडिया हाउसों' के साथ अधिग्रहण पर चर्चा के नाकाम हो जाने के बाद अब Koo को बंद कर दिया जाएगा..."

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Koo अब बंद होने जा रहा है...

माइक्रो-ब्लॉगिंग ऐप X (अतीत में ट्विटर) के प्रतिस्पर्धी के तौर पर चार साल पहले, 2020 में, लॉन्च किया गया भारतीय स्टार्टअप Koo अब बंद होने जा रहा है. ऐप के संस्थापकों के मुताबिक, चार साल पहले अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका द्वारा शुरू की गई कंपनी 'कई बड़ी इंटरनेट कंपनियों, समूहों और मीडिया घरानों' के साथ अधिग्रहण की बातचीत नाकाम होने के बाद परिचालन बंद कर देगी. Koo ऐसी कई कंपनियों में शुमार थी, जिन्होंने भारत में यूज़रों को स्थानीय भाषाओं में सेवाएं प्रदान करते हुए अमेरिकी इंटरनेट सेवाओं का विकल्प बनने की कोशिश की.

Koo फ़ाउंडरों ने घोषित किया शटडाउन

बुधवार को LinkedIn पर पोस्ट कर Koo के संस्थापकों राधाकृष्ण और बिदावतका ने कहा कि 'कई बड़ी इंटरनेट कंपनियों, समूहों और मीडिया हाउसों' के साथ अधिग्रहण पर चर्चा के नाकाम हो जाने के बाद अब Koo को बंद कर दिया जाएगा..."

फरवरी में प्रकाशित TechCrunch की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अधिग्रहण के लिए Koo की बातचीत बेंगलुरू स्थित समाचार और सामग्री एग्रीगेटर Dailyhunt से हो रही है.

संस्थापक ने यह भी कहा कि 'कुछ कंपनियों', जो हमारी कंपनी के साथ बातचीत कर रही थीं, ने 'दस्तख़त करने के बेहद करीब आकर इरादे बदल दिए' और 'उनमें से अधिकतर यूज़र-जेनरेटेड कॉन्टेंट और सोशल मीडिया कंपनी की उच्छृंखल प्रकृति से निपटने को तैयार नहीं थे...'

जिस वक्त Koo अपने सबसे अच्छे वक्त में था, उसके लगभग एक करोड़ मासिक एक्टिव यूज़र थे, और 21 लाख दैनिक एक्टिव यूज़र थे. केंद्र सरकार के समर्थन से Koo की लोकप्रियता उस वक्त बढ़ी थी, जब कॉन्टेंट हटाने के अनुरोधों को लेकर ट्विटर और भारत सरकार के बीच ठन गई थी. वर्ष 2022 में Koo ने पांच करोड़ यूज़र का आंकड़ा पार कर लिया था और कहा था कि उसका लक्ष्य एक साल के भीतर भारत में ट्विटर के यूज़र बेस को पार करना है.

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