भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि मार्च में 16 वर्ष के उच्चतम स्तर पर

एचएसबीसी की अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, ‘‘ भारत का मार्च विनिर्माण पीएमआई 2008 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. विनिर्माण कंपनियों में मजबूत उत्पादन और नए ठेकों से नियुक्तियां बढ़ीं...’

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पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है.
नई दिल्ली:

भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि उत्पादन और नए ठेकों में मजबूत वृद्धि के दम पर मार्च में  16 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. मौसमी रूप से समायोजित 'एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक' (पीएमआई) मार्च में बढ़कर 59.1 पर पहुंच गया जो फरवरी में 56.9 था.

पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है.

एचएसबीसी की अर्थशास्त्री इनेस लैम ने कहा, ‘‘ भारत का मार्च विनिर्माण पीएमआई 2008 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. विनिर्माण कंपनियों में मजबूत उत्पादन और नए ठेकों से नियुक्तियां बढ़ीं...''

विनिर्माण उत्पादन मार्च में लगातार 33वें महीने बढ़ा. अक्टूबर 2020 के बाद से यह सर्वाधिक वृद्धि है. एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 कंपनियों के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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