जनवरी में भारतीय 'रुपये' का शानदार प्रदर्शन, अन्य एशियाई करेंसी की तुलना में सबसे बेहतर

मार्च में फेडरल रिजर्व रेट में शुरुआती कटौती की उम्मीदें जैसे ही कम हुई, डॉलर इंडेक्स और यूएस 10-ईयर यील्ड में बढ़ोतरी देखी गई, जिससे एशियाई करेंसी में डॉलर के मुकाबले गिरावट आई.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
Indian currency: बजट के बाद भारतीय रुपये पर न्यूनतम प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.(प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली:

जनवरी में एक तरफ जहां भारतीय रुपया मजबूत हुआ है, वहीं अन्य एशियाई करेंसी में गिरावट आई है.  ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने के दौरान डॉलर इंडेक्स में 1.27% की बढ़ोतरी की तुलना में रुपये में 0.23% की बढ़ोतरी हुई है. भारतीय रुपये में यह तेजी मुख्य रूप से जेपी मॉर्गन इंडेक्स में सरकारी बॉन्ड को शामिल करने से बढ़ी है.  इस महीने की शुरुआत में, ब्लूमबर्ग इंडेक्स सर्विसेज ने सितंबर से अपने उभरते बाजार लोकल करेंसी इंडेक्स में इंडियन बॉन्ड को शामिल करने का भी प्रस्ताव रखा था.

विदेशी निवेशक (FIIs) अपनी सरकारी बॉन्ड होल्डिंग्स में तेजी से बढ़ोतरी कर रहे हैं. 2023 के आखिरी दो महीनों में एफआईआई ने गवर्मेंट सिक्योरिटीज में 33,162 करोड़ रुपये का निवेश किया.जनवरी में अब तक विदेशी निवेशकों ने 17,491 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया है. आम चुनाव के बाद मोदी सरकार के सत्ता में लौटने की उम्मीदों से भी निवेश को बढ़ावा मिला है.

फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी चीफ और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली के मुताबिक, जून तक स्थानीय करेंसी 82.70-83.40 रुपये के दायरे में बनी रहनी चाहिए, क्योंकि जेपी मॉर्गन इंडेक्स में सरकारी बांड को शामिल करने से अच्छा इन्फ्लो मिल सकता है, जिससे रुपया 82.50 रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है.

अनिल कुमार भंसाली ने कहा कि मार्च में फेडरल रिजर्व रेट में शुरुआती कटौती की उम्मीदें जैसे ही कम हुई, डॉलर इंडेक्स और यूएस 10-ईयर यील्ड में बढ़ोतरी देखी गई, जिससे एशियाई करेंसी में डॉलर के मुकाबले गिरावट आई.

इंडोनेशियाई रुपिया और दक्षिण कोरियाई वोन जैसी अन्य एशियाई करेंसी के साथ, चीनी युआन रेनमिनबी ऑफशोर 7.10 से बढ़कर 7.19 हो गया. इन उतार-चढ़ाव के बीच, भारतीय रुपया स्टेबल रहा, शुरुआत में यह 83.40 रुपये से बढ़कर 82.77 रुपये हो गया. बजट के बाद भारतीय रुपये पर न्यूनतम प्रभाव पड़ने की उम्मीद है. हालाँकि, यदि लाल सागर क्राइसिस बना रहता है, तो निर्यात पर खतरा मंडराएगा, जिससे संभावित रूप से मामूली गिरावट हो सकती है.

Featured Video Of The Day
Abu Ghraib Torture Story: रूह कंपाने वाला Torture, 20 साल बाद हुआ इंसाफ! हुआ क्या था इराकी जेल में?
Topics mentioned in this article