दावोस में चल रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम 2025 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ ने NDTV से खास बातचीत में भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर अहम जानकारियां साझा कीं. उन्होंने IMF के ताजा वैश्विक विकास अनुमान (Global Growth Forecast) पर चर्चा करते हुए बताया कि 2025-26 के लिए वैश्विक वृद्धि दर 3.3% रहने की संभावना है.
हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अमेरिका मजबूत स्थिति में है, जबकि यूरोप कमजोर बना हुआ है और चीन को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था
गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत 6.5% की विकास दर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इस तेजी को बनाए रखने और 2047 तक 'विकसित भारत 2047' लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण सुधार करने होंगे. इन बदलावों में सरकारी निवेश बढ़ाना, व्यापार करना आसान बनाना, जमीन खरीदने और बेचने की प्रक्रिया को सरल बनाना और टैरिफ (शुल्क) में कटौती करने पर पर जोर दिया.
उन्होंने बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था में हाल ही में थोड़ी सुस्ती देखी गई, जो पिछले साल अप्रैल-जून में हुए लोकसभा चुनावों के कारण हुई थी. हालांकि, उन्होंने इस सुस्ती को अस्थायी बताया और भरोसा जताया कि आने वाले महीनों में ग्रामीण क्षेत्रों में खर्च बढ़ने से अर्थव्यवस्था फिर से मजबूती हासिल करेगी.
भारत की वैश्विक स्थिति मजबूत
गीता गोपीनाथ ने कहा कि दुनिया में भारत की स्थिति मजबूत बनी हुई है. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने अपनी अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत कर लिया है, जबकि यूरोप को अपनी उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत है. वहीं, चीन को अपने रियल एस्टेट सेक्टर और घरेलू मांग को बढ़ाने की जरूरत है.
$10 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने के लिए कई बड़े सुधार की जरूरत
भारत की सरकार ने 2047 तक भारत को $10 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है. इसको लेकर गीता गोपीनाथ ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को कई बड़े संरचनात्मक सुधार (Structural Reforms) करने होंगे. उन्होंने बदलते वैश्विक परिदृश्य और भू-राजनीतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भारत को सस्टेनेबल एंड इंक्लूसिव ग्रोथ के लिए ठोस कदम उठाने होंगे.
IMF की सीनियर अधिकारी ने भारत को सलाह दी कि उसे अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ाना चाहिए, व्यापार को आसान बनाना चाहिए और टैक्स कम करने जैसे कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर ये बदलाव सही तरीके से किए गए तो भारत आने वाले समय में दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रह सकता है.