Retail Inflation In April 2024: अच्छी खबर... अप्रैल में खुदरा महंगाई 11 महीने के निचले स्तर पर

Retail Inflation Rate : एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार शहरी क्षेत्रों में महंगाई राष्ट्रीय औसत 4.11 प्रतिशत की तुलना में कमी रही. जबकि गांवों में अधिक 5.43 प्रतिशत रही.

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Retail Inflation In April 2024: सरकार ने खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य भारतीय रिजर्व बैंक को दिया हुआ है.
नई दिल्ली:

देश में खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में नरम होकर 11 महीने के निचले स्तर 4.83 प्रतिशत पर रही. हालांकि खाने के अन्य सामान के दाम इस दौरान मामूली मजबूत हुए. सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में 4.85 प्रतिशत थी जबकि अप्रैल, 2023 में यह 4.31 प्रतिशत थी.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में खाद्य वस्तुओं की खुदरा मुद्रास्फीति मामूली बढ़कर 8.70 प्रतिशत रही. एक महीने पहले मार्च में यह 8.52 प्रतिशत के स्तर पर थी. अंडा, मांस, मसाले और अनाज तथा उसके उत्पादों की महंगाई अप्रैल में कम हुई. जबकि फल, सब्जी और दाल महंगे हुए. ईंधन और प्रकाश के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) सालाना आधार पर घटकर 4.24 प्रतिशत रहा.

खुदरा मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य

सरकार ने खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य भारतीय रिजर्व बैंक को दिया हुआ है. केंद्रीय बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर निर्धारित करते समय खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर गौर करता है. रिजर्व बैंक का कहना है कि आगे चलकर खाद्य वस्तुओं के दाम मुद्रास्फीति के रुख को प्रभावित करते रहेंगे.

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आरबीआई ने 2024-25 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. पहली तिमाही में इसके 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में इसके 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है.

महंगाई के मामले में ओड़िशा टॉप पर

एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार शहरी क्षेत्रों में महंगाई राष्ट्रीय औसत 4.11 प्रतिशत की तुलना में कमी रही. जबकि गांवों में अधिक 5.43 प्रतिशत रही. सर्वाधिक मुद्रास्फीति ओड़िशा में 7.11 प्रतिशत तथा दिल्ली में सबसे कम 2.11 प्रतिशत रही.
राष्ट्रीय औसत से अधिक मुद्रास्फीति दर्ज करने वाले राज्यों में आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, कर्नाटक, केरल और मध्य प्रदेश रहे.

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जानें महंगाई के आंकड़ें पर अर्थशास्त्रियों की राय

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि मुख्य रूप से ईंधन और प्रकाश खंड में महंगाई में कमी से मुद्रास्फीति नरम हुई है. इसके अलावा कपड़ा, जूता-चप्पल, पान और तंबाकू आदि खंड में कम महंगाई का भी असर पड़ा है. सब्जी और दाल श्रेणी में मुद्रास्फीति क्रमश: छह महीने और 11 महीने से दहाई अंक में बनी हुई है. इससे खाद्य और पेय पदार्थों की रेणी में महंगाई ऊंची बनी हुई है.

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कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से पड़ सकता है असर

क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धमकीर्ति जोशी ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति में हल्की नरमी उत्साहजनक है लेकिन इस गिरावट की प्रवृत्ति में तेजी आना मायने रखता है.उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना यह है कि आगामी मानसून राहत दे सकता है. यह इस शर्त पर है कि मानसून का समय और वितरण भौगोलिक आधार पर अच्छा हो. सरकार के खुदरा ईंधन के दाम में रियायत के साथ ईंधन और प्रकाश मुद्रास्फीति पर दबाव को आठ महीने से कम कर रहे हैं.''जोशी ने कहा कि लेकिन अगर कच्चे तेल की कीमतें उल्लेखनीय रूप से बढ़ती हैं और वैश्विक स्तर पर तनाव के कारण ऊंची बनी रहती हैं, तो मुद्रास्फीति को होने वाला लाभ उलट हो सकता है.''

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एनएसओ सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में चुने गये 1,114 शहरी बाजारों और 1,181 ग्रामीण क्षेत्रों से कीमत के आंकड़े एकत्र करता है. 
 

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